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एलआईसी के पास 21,500 करोड़ रुपये का ऐसा कोष, जिसका कोई दावेदार नहीं

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नई दिल्ली, 16 फरवरी। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने जानकारी दी है कि उसके पास सितम्बर, 2021 तक 21,539 करोड़ रुपये का ऐसा कोष था, जिसका कोई दावेदार या लेनदार नहीं था।

दरअसल, एलआईसी की तरफ से सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास जो आरंभिक दस्तावेज (डीआरएचपी) जमा कराए गए हैं, उनसे यह जानकारी मिली है।

बिना दावे वाली राशि पर ब्याज भी कोष में शामिल

दस्तावेजों के अनुसार, इसमें बिना दावे वाली राशि पर ब्याज भी शामिल है। इसमें कहा गया है कि मार्च, 2021 तक बिना दावे वाला कोष 18,495 करोड़ रुपये और मार्च, 2020 के अंत तक 16,052.65 करोड़ रुपये था। वहीं मार्च, 2019 के अंत तक यह राशि 13,843.70 करोड़ रुपये थी।

प्रत्येक बीमा कम्पनी को देना पड़ता है बिना दावे वाली राशि का ब्योरा

गौरतलब है कि प्रत्येक बीमा कम्पनी को 1,000 रुपये या उससे अधिक की बिना दावे वाली राशि का ब्योरा अपनी वेबसाइट पर डालना होता है। वेबसाइट पर पॉलिसीधारकों या लाभार्थियों को बिना दावे वाली राशि के सत्यापन की सुविधा भी प्रदान करने की जरूरत होती है।

दस्तावेजों में कहा गया है कि भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के बिना दावे वाली राशि पर परिपत्र में इसके बारे में प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है। इन प्रक्रियाओं में बिना दावे वाली राशि का भुगतान, पॉलिसीधारकों को सूचना, लेखा और निवेश आय का इस्तेमाल आदि शामिल है।

एलआईसी बेचेगी हिस्सेदारी

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार आईपीओ के जरिए एलआईसी में करीब पांच प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने जा रही है। सरकार ने 31 मार्च तक एलआईसी की मार्केट में लिस्टिंग हो जाने की बात कही है। ओएफएस आईपीओ के जरिए जितना भी पैसा जुटाया जाएगा, वह सारा सरकार के खजाने में जाएगा न कि एलआईसी के पास क्योंकि कम्पनी की तरफ से कोई नया शेयर जारी नहीं होगा।

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