नई दिल्ली, 10 दिसम्बर। पड़ोसी बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय के खिलाफ जारी हिंसा के चलते भारत से बिगड़ते रिश्तों के बीच दिल्ली के उप राज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना के कार्यालय ने मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त को राष्ट्रीय राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ सख्त अभियान शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत दो माह का विशेष अभियान चलाने की योजना बनाई गई है। इस दौरान अवैध बांग्लादेशी निवासियों की पहचान कर समयबद्ध तरीके से नियमों के तहत उनके खिलाफ काररवाई की जाएगी।
एलजी कार्यालय से जारी निर्देश के अनुसार मुस्लिम समुदाय की मांगों को देखते हुए उप राज्यपाल ने दो माह का विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है। इस अभियान में सख्त और समयबद्ध काररवाई सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा, इस संबंध में साप्ताहिक रिपोर्ट भी उप राज्यपाल कार्यालय को भेजी जाएगी। यह कदम राष्ट्रीय राजधानी में अवैध घुसपैठियों के बढ़ते प्रभाव और सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। अभियान के तहत अवैध घुसपैठियों की पहचान कर उनके खिलाफ नियमानुसार काररवाई की जाएगी।
दरअसल, दरगाह हजरत निजामुद्दीन और बस्ती हजरत निजामुद्दीन के उलेमाओं और मुस्लिम नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने बीते शनिवार को उप राज्यपाल सक्सेना को एक ज्ञापन सौंपा था, जिसके बाद यह कदम उठाया गया है। प्रतिनिधिमंडल ने बांग्लादेश में हिन्दू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे हमलों पर गहरी चिंता व्यक्त की थी और दिल्ली में रह रहे अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की मांग की थी।
प्रतिनिधिमंडल ने उप राज्यपाल को ज्ञापन सौंपते हुए निम्नलिखित मांगें रखीं थीं —
- अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को किराए पर मकान न दिया जाए और जिन मकानों में वे रह रहे हैं, उन्हें खाली कराया जाए।
- उन्हें किसी भी संस्थान में रोजगार न दिया जाए और जिन्होंने उन्हें रोजगार दिया है, वे इसे तत्काल समाप्त करें।
- घुसपैठियों के बच्चों को किसी भी सरकारी या निजी स्कूल में प्रवेश न दिया जाए।
- दिल्ली के नागरिकों से अपील की जाए कि यदि उनके पड़ोस में कोई अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिया रहता है तो इसकी सूचना पुलिस को दें।
- एमसीडी और दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया जाए कि सड़कों, फुटपाथों, पार्कों और अन्य सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण कर रह रहे घुसपैठियों को हटाया जाए।
- अवैध रूप से प्राप्त आधार कार्ड, वोटर आईडी या अन्य सरकारी दस्तावेज तत्काल रद्द किए जाएं।
- मस्जिदों और मदरसों में यदि किसी घुसपैठिये को आश्रय दिया गया हो तो उन्हें तुरंत बाहर निकाला जाए।
- ऐसे घुसपैठियों की पहचान के लिए विशेष अभियान चलाया जाए और उन्हें तुरंत बांग्लादेश भेजा जाए।