नई दिल्ली, 5 मार्च। आबकारी नीति मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी का मामला गरमाता जा रहा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत विपक्ष के नौ नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने कहा है कि काररवाई से यह प्रतीत होता है कि हम एक लोकतंत्र से निरंकुशता में परिवर्तित हो गए हैं।
विपक्ष के इन नेताओं ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
विपक्ष के जिन नेताओं ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है, उनमें भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के प्रमुख और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, नेशनल कान्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शामिल हैं।
खत में कांग्रेस पार्टी नहीं, समझिए इसके मायने
इस चिट्ठी में कांग्रेस का कोई नेता शामिल नहीं है। इसके मायने निकाले जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि कांग्रेस अपनी रणनीति के तहत इस खत का हिस्सा नहीं बनी है। देखना यही होगा कि क्या इसका असर 2024 के चुनाव से पहले विपक्ष का एकजुट करने की कोशिश पर पड़ता है। खत में शामिल नेता पिछले दिनों से एक-दूसरे के पक्ष में बोलते रहे हैं। खत में राज्यपालों का मुद्दा भी उठाया गया है। कहा गया है कि राज्यपालों का रुख केंद्र और राज्यों के बीच दूरियां बढ़ा रहा है।