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कानून मंत्री किरेन रिजिजू बोले – समान नागरिक संहिता पर भाजपा का रुख स्पष्ट, यही सरकार का भी विचार

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नई दिल्ली, 27 जुलाई। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) पर भाजपा का दृष्टिकोण स्पष्ट है और इसे सरकार का भी विचार माना जाना चाहिए।

कानून मंत्री का यह बयान लोकसभा में उस वक्त आया, जब परिवार न्यायालय संशोधन बिल (फैमिली कोर्ट्स अमेंडमेंट बिल) पर बहस चल रही थी। विपक्ष ने इसका विरोध किया और कहा कि एक पार्टी का रुख सरकार का नहीं हो सकता, जिसपर रिजिजू ने जवाब दिया कि यही एक पार्टी है, जो सरकार बनाती है।

पिछले हफ्ते लोकसभा में एक लिखित जवाब में कानून मंत्री ने कहा था कि यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने पर कोई फैसला नहीं हुआ है क्योंकि मामला विचाराधीन है। मंगलवार को उन्होंने कहा, ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड के बारे में आप जानते हैं कि हमारी सरकार की इस पर क्या सोच है। हम चाहते हैं कि इसको लेकर हमारी पार्टी की जो विचारधारा है, इसे देश की विचारधारा के रूप में लिया जाना चाहिए।’

लंबित मामलों के लिए सरकार या न्यायपालिका को दोष देना अनुचित

उल्लेखनीय है कि लोकसभा ने हिमाचल प्रदेश और नागालैंड में पारिवारिक न्यायालयों को वैधानिक कवर देने के लिए एक विधेयक पारित किया। रिजिजू ने कहा कि वह सभी राज्य सरकारों से हर जिले में एक परिवार न्यायालय स्थापित करने का अनुरोध करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि लंबित मामलों के लिए सरकार या न्यायपालिका को दोष देना अनुचित है। हालांकि यह चिंता का विषय है कि संख्या बढ़ रही है।

कानून मंत्री ने कहा, ‘लोग सवाल करते हैं कि सरकार क्या कर रही है, कानून मंत्री क्या कर रहे हैं। मुझे दुख होता है। लंबित मामलों जैसे गंभीर मुद्दों को उठाते हुए, लोगों को पहले विवरण में जाना चाहिए। न्यायाधीश कड़ी मेहनत करते हैं … ऐसे न्यायाधीश हैं, जिन्होंने एक दिन में सैकड़ों मामलों को सुलझाया है… वे पूर्वाह्न 9 बजे से रात 9 बजे तक काम करते हैं। उन्होंने कहा कि मामलों के लंबित रहने का कारण कुछ और है।

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