श्रीनगर, 2 जनवरी। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में गत 29-30 दिसंबर की मध्यरात्रि में हुई मुठभेड़ के दौरान मारे गए तीन आतंकियों में एक पहचान समीर डार उर्फ हंजला भाई के रूप में की गई है। 10 लाख रुपये का ईनामी समीर डार भी वर्ष 2019 में पुलवामा के लेथपुरा में आतंकी हमले में शामिल था। इसके साथ ही पुलवामा हमले में शामिल सभी आतंकियों का अब खात्मा कर दिया गया है।
पहचान की पुष्टि के लिए होगी डीएनए की जांच
कश्मीर जोन के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) विजय कुमार ने आतंकी समीर डार के मारे जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलवामा आतंकी हमले में शामिल अन्य आतंकी पहले
विजय कुमार ने कहा, ‘मृतक आतंकी की तस्वीर और समीर डार की उपलब्ध तस्वीर के आधार पर हम मान रहे हैं कि समीर डार मारा गया है। उसकी पहचान की पुष्टि करने के लिए हम उसके डीएनए के नमूनों और उसके स्वजनों के डीएनए के नमूनों की जांच करेंगे।’ पुलिस ने पहले दावा किया था कि अनंतनाग मुठभेड़ में मुफ्ती अल्ताफ, निसार खांडे और एक पाकिस्तानी आतंकी रईस मारा गया है। अल्ताफ के शव की पहचान उसके परिजनों ने की थी।
डार आत्मघाती हमले को अंजाम देने वाले आतंकी आदिल का चचेरा भाई था
समीर डार जैश ए मोहम्मद के उन आतंकियों में एक था, जिसने 14 फरवरी, 2019 के लेथपोरा में सीआरपीएफ के वाहन पर आत्मघाती हमले की साजिश में अहम भूमिका निभाई थी। लेथपेारा पुलवामा हमले में शामिल आतंकियों में केवल वही एक जिंदा बचा हुआ था। समीर डार आत्मघाती हमले को अंजाम देने वाले आतंकी आदिल डार का चचेरा भाई था। एमएससी की डिग्री हासिल करने वाला समीर डार आइईडी विशेषज्ञ था।