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ऑल इंग्लैंड बैंडमिंटन : लक्ष्य सेन बने उपजेता, फाइनल में विश्व नंबर एक विक्टर एक्सेल्सेन से हारे

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बर्मिंघम, 21 मार्च। युवा भारतीय शटलर लक्ष्य सेन को प्रतिष्ठित ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप में उपजेता पद से संतोष करना पड़ा। भारतीय समयानुसार शनिवार को देर रात खेले गए फाइनल मुकाबले में 20 वर्षीय लक्ष्य को विश्व नंबर एक और शीर्ष वरीयता प्राप्त डेनमार्क के विक्टर एक्सेल्सेन ने 21-10, 21-15 से हराया।

गत चैंपियन मलेशियाई ली जी जिया की चुनौती तोड़कर पहली बार फाइनल में पहुंचे विश्व नंबर 11 लक्ष्य युटिलिटा एरेना के कोर्ट नंबर एक पर 53 मिनट तक खिंचे फाइनल में विक्टर एक्सेल्सेन से अपने भरसक संघर्ष किया, लेकिन लगातार चौथी बार फाइनल खेल रहे अनुभवी डेनिस स्पर्धी को मुकाबला जीतने में कोई दिक्कत नहीं हुई।

फिलहाल पिछले वर्षांत विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का दर्शन करा चुके लक्ष्य ने उज्ज्वल भविष्य के संकेत दे दिए हैं और भारतीय बैडमिंटन प्रेमियों को यह भरोसा है कि वह आगामी वर्षों में कई बीडब्ल्यूएफ खिताब अपनी झोली में डालेंगे। इस वर्ष लक्ष्य का यह तीसरा बीडल्यूएफ टूर्नामेंट था और वह तीनों में फाइनल तक पहुंचे। इस क्रम में जनवरी में सनराइज योनेक्स ओपन जीतने के बाद जर्मन ओपन में वह उपजेता रहे थे, जहां उन्होंने विक्टर को ही मात देकर फाइनल में जगह बनाई थी। अब विक्टर के खिलाफ लक्ष्य का मैच रिकॉर्ड 1-5 हो गया है।

प्रकाश पादुकोण व पुलेला गोपीचंद जीत चुके हैं यह खिताब

लक्ष्य सेन ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन के फाइनल में पहुंचने वाले 5वें भारतीय हैं। सबसे पहले यह उपलब्धि प्रकाश नाथ ने साल 1947 में हासिल की थी, लेकिन वह खिताब से चूक गए थे। वर्ष 1980 में प्रकाश पादुकोण और 2001 में पुलेला गोपीचंद ने यह प्रतिष्ठित ट्रॉफी अपने नाम की थी। फिर साइना नेहवाल 2015 में फाइनल तक पहुंचने में कामयाब रही थीं।

विश्व नंबर दो यामागुची ने जीती महिला उपाधि

उधर महिला वर्ग में विश्व नंबर दो जापानी अकाने यामागुची ने उपाधि जीती। दूसरी सीड यामागुची ने 44 मिनट तक चले फाइनल में चतुर्थ वरीय दक्षिण कोरियाई एन सेयंग को 21-15,21-15 से शिकस्त दी।

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