मकाऊ, 2 अगस्त। विश्व रैंकिंग में भारत के शीर्ष शटलर लक्ष्य सेन और उदीयमान तरुण मन्नेपल्ली शनिवार को यहां मकाऊ ओपन के सेमीफाइनल में हार गए। इसके साथ ही BWF सुपर 300 बैडमिंटन टूर्नामेंट से भारतीय चुनौती समाप्त हो गई।
इंडोनेशियाई फरहान से सीधे गेमों में हारे लक्ष्य
मकाऊ ईस्ट एशियन गेम्स डोम के कोर्ट नंबर एक पर दूसरी सीड लेकर उतरे विश्व चैम्पियनशिप 2021 के कांस्य पदक विजेता व मौजूदा राष्ट्रमंडल खेल चैम्पियन लक्ष्य पांचवें वरीय इंडोनेशियाई अलवी फरहान को चुनौती नहीं दे सके और उन्हें सिर्फ 39 मिनट में 16-21, 9-21 से पराजय झेलनी पड़ी। विश्व रैंकिंग में 17वें नंबर पर काबिज 23 वर्षीय लक्ष्य की खुद से रैंकिंग में आठ स्थान नीचे और उम्र में तीन वर्ष छोटे फरहान से यह पहली मुलाकात थी। लेकिन फरहान ज्यादा ही मजबूत साबित हुए।
In the semis, we came up just short. Yet, every upset fuels a stronger comeback, we know you will. 💪💯
credit: @badmintonphoto pic.twitter.com/nhRrmdJMF1
— BAI Media (@BAI_Media) August 2, 2025
जस्टिन के खिलाफ एक गेम की बढ़त नहीं बचा सके मन्नेपल्ली
वहीं टॉप सीड हांगकांग के ली चेउक यिउ पर पहले दौर में स्तब्धकारी जीत से आगे बढ़े हैदराबादी शटलर तरुण मन्नेपल्ली को विश्व नंबर 45 मलेशिया के जस्टिन होह ने तीन गेमों के कठिन मुकाबले में मात दी। विश्व रैंकिंग में 47वें स्थान पर काबिज 23 वर्षीय मन्नेपल्ली ने दिन के पहले मैच में हालांकि मजबूत शुरुआत की और पहला गेम ले लिया, लेकिन इसके बाद गलतियों के कारण एक घंटे 21 मिनट तक खिंची कश्मकश में उन्हें 21-19, 16-21, 16-21 से पराजय झेलनी पड़ी।
The Macau Open run came to an end in the semifinals, but what an incredible performance, Tharun Mannepalli! 🏸 💪🔥
Defeating the seed 1 player in the quarterfinals showed immense skill and determination. 💪🔥✨
Keep soaring! The best is yet to come.Photo credits:… pic.twitter.com/O9qh6H18dW
— BAI Media (@BAI_Media) August 2, 2025
फिलहाल चार वर्ष पहले पुलेला गोपीचंद अकादमी से जुड़ने वाले मन्नेपल्ली ने इस टूर्नामेंट में अपने प्रदर्शन से काफी प्रभावित किया। वह पहली बार किसी बीडब्ल्यूएफ सुपर 300 टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचे थे।
लक्ष्य के लिए कठिन रहा है यह सत्र
वैसे देखा जाए तो लक्ष्य के लिए यह सत्र कठिन रहा है, जो सात बार पहले और दो बार दूसरे दौर से बाहर हो चुके हैं। कंधे, कमर और टखने की चोटों से जूझ रहे लक्ष्य ने पेरिस में प्रस्तावित विश्व चैम्पियनशिप से पहले आत्मविश्वास हासिल करने के लिये यह टूर्नामेंट खेला था। खैर, 2003 के विश्व जूनियर चैम्पियन फरहान ने शानदार प्रदर्शन करके उन्हें प्रतियोगिता के फाइनल में जगह नहीं बनाने दी।

