नई दिल्ली, 6 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा को आज तीन दिन बीत चुके है। कांग्रेस समेत सभी विपक्ष दल लगातार इस मामले को लेकर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमलावर है। हिंसा के बाद किसानों और प्रशासन के बीच चार मुद्दों पर समझौता हुआ था। इस समझौते की अगुवाई किसान नेता राकेश टिकैत ने की थी। इन चार मुद्दों में एक बड़ा मुद्दा था कि आठ दिन के भीतर हिंसा में शामिल लोगों को गिरफ्तार करना भी था। घटना के तीन दिन बीत गए हैं लेकिन इस मामले में अभी तक एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
इससे पहले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। राकेश टिकैत ने आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी और अजय मिश्रा की मंत्री पद से बर्खास्तगी की मांग की थी। किसानों और प्रशासन के बीच हुए समझौते के मुताबिक हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज इस मामले की जांच करेंगे। पीड़ित परिवारों को 45-45 लाख मुआवजा और आश्रितों को सरकारी नौकरी देने का फैसला हुआ था। इसके साथ ही घायलों को 10 लाख रुपये की मदद का भी एलान किया गया था।
इस पूरे मामले पर मंगलवार को किसान नेता राकेश टिकैत ने गृह राज्य मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी के लिए सरकार को एक हफ्ते का समय दिया गया है। उन्होंने कहा, ”मारे गये किसानों के भोग (क्रिया) के दिन हम सब यहां फिर इकट्ठा होंगे और तभी आगे की रणनीति पर चर्चा होगी।” टिकैत लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में मारे गए किसान गुरविंदर सिंह घर पहुंचे थे।
बता दें कि लखीमपुर खीरी में विरोध के लिए पहुंच रहे विपक्षी नेताओं की प्रशासन ने नो एंट्री कर दी है। इन विपक्षी नेताओं में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, सतीश चंद्र मिश्र, शिवपाल यादव, जयंत चौधरी, भूपेश बघेल, चरणजीत सिंह चन्नी और सुखजिंदर रंधावा समेत कई नेताओं को लखीमपुर जाने से रोक दिया।