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कुमारी सैलजा ने चुनाव परिणाम को लेकर भूपिंदर सिंह हुड्डा पर कसा तंज – ‘हम 60 की बात कर रहे थे और अब…’

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चंडीगढ़, 8 अक्टूबर। हरियाणा में कांग्रेस की कद्दावर नेत्री कुमारी सैलजा राज्य विधानसभा चुनाव नतीजों को हैरान करने वाला करार दिया है और इसके लिए उन्होंने मंथन करने की बात कही है। उन्होंने इशारों-इशारों में हुड्डा पर तंज कसते हुए कहा कि हम तो 60 की बात कर रहे थे।

उल्लेखनीय है कि पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा से कुमारी सैलजा की प्रतिद्वंद्विता लगातार जाहिर होती रही है। राहुल गांधी के चुनावी मंच पर हुड्डा और सैलजा को साथ लाकर कांग्रेस ने भले ही यह दिखाने की कोशिश की कि सब एक हैं, लेकिन ऐसा लगता नहीं।

हरियाणा चुनाव परिणाम : भाजपा की हैट्रिक

हरियाणा विधानसभा चुनाव के अंतिम परिणाम पर एक नजर डालें तो एग्जिट पोल के नतीजों के उलट सत्तारूढ़ भाजपा ने 90 में 48 सीटें जीतकर बहुमत के साथ हैट्रिक पूरी कर ली है वहीं 37 सीटें पा सकी कांग्रेस की सत्ता में वापसी के रास्ते 10 वर्ष बाद भी बंद ही रहे। आईएनएलडी के हिस्से दो सीटें आईं तो निर्दलीयों ने तीन सीटें जीतीं। लेकिन दुष्यंत चौटाला की जेजेपी का खाता भी नहीं खुला।

कुमारी सैलजा ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘बिलकुल गलती हुई है। कहां हम 60 की बात कर रहे थे और कहां संघर्ष करने लगे। देखना होगा कि क्या हुआ है। हमसे चूक हुई है या फिर भाजपा ने खेल किया है। मंथन करेंगे कि हम जीत क्यों नहीं पाए।’

‘मैं चुनाव में उतरना चाहती थी, लेकिन मौका नहीं मिला

क्या दलित समाज के बीच आपको लेकर जो संदेश गया उसका नतीजा है, इस पर कुमारी सैलजा ने कहा, ‘बहुत सी चीजें होती हैं। यह तो सच्चाई है कि मैं लड़ना चाहती थी। लेकिन व्यक्तिगत बातों से बचना चाहिए। फिर भी हमें यह देखना चाहिए कि आखिर राज्य में हमें कैसे झटका लगा और हम जीत नहीं पाए।’ दरअसल कुमारी सैलजा का यह बयान भूपिंदर सिंह हुड्डा के लिए एक संकेत था कि उन्हें नजरअंदाज करने या फिर किनारे लगाने के चलते ऐसा हुआ है। उन्होंने कहा, ‘यह तो साफ है कि मैं चुनाव में उतरना चाहती थी। लेकिन मौका नहीं मिला।’

हुड्डा के ही ही कहने पर पार्टी ने 72 टिकट बांटे थे

इस तरह कुमारी सैलजा ने इशारों में ही सही, लेकिन नतीजों में पिछड़ने पर भूपिंदर सिंह हुड्डा और उनके खेमे के मजबूत होने पर तंज कसा। दरअसल कुमारी सैलजा खुद को सीएम फेस के तौर पर पेश कर रही थीं। उनका कहना था कि हरियाणा में कभी दलित सीएम नहीं रहा है। इसलिए उन्हें भी मौका मिलना चाहिए। हालांकि हुड्डा ही हावी दिखे और उनके ही कहने पर पार्टी ने 72 टिकट बांटे।

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