गुवाहाटी, 2 जुलाई। हिंसाग्रस्त मणिपुर के दो उग्रवादी संगठनों ने रविवार को कहा कि उन्होंने महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग-दो पर कांगपोकपी जिले में दो माह से जारी नाकेबंदी हटा ली है। यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (केएनओ) ने एक संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा ‘शांति और सद्भाव’ बहाल करने का आह्वान किए जाने के बाद तत्काल प्रभाव से नाकेबंदी हटा ली गई है।
हालांकि, कुकी नागरिक समाज समूह ‘कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी’ (सीओटीयू) ने अब तक आधिकारिक तौर पर आंदोलन वापस नहीं लिया है। सीओटीयू ने ही दो माह पहले राष्ट्रीय राजमार्ग-2 को अवरुद्ध करने की घोषणा की थी।
ज्ञातव्य है कि मणिपुर में दो राष्ट्रीय राजमार्ग हैं – एनएच-2 (इम्फाल-दीमापुर) और एनएच-37 (इम्फाल-जिरीबाम)। गत माह तीन मई को मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद से एनएच-2 को कुकी संगठनों ने अवरुद्ध कर दिया था और मई के अंत में शाह की यात्रा के बाद इसे अस्थायी रूप से खोल दिया गया था।
घटनाक्रम से जुड़े करीबी सूत्रों ने बताया कि नाकेबंदी हटाने का निर्णय असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्वा सरमा के साथ यूपीएफ, केएनओ और अन्य कुकी समूहों की हाल में गुवाहाटी में हुई बैठक के बाद लिया गया है। संयुक्त बयान में कहा गया, ‘यह निर्णय नागरिक समाज संगठनों, ग्राम प्रधानों और महिला नेताओं के साथ कई मौकों पर व्यापक विचार-विमर्श के बाद लिया गया।’
बिष्णुपुर में तीन की मौत, 5 घायल
इस बीच मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में अज्ञात बंदूकधारियों के साथ गोलीबारी में कम से कम तीन ‘ग्राम स्वयंसेवक’ मारे गए और पांच अन्य घायल हो गए। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि खोइजुमंताबी गांव में शनिवार देर रात को यह घटना हुई, जब ‘ग्राम स्वयंसेवक’ अस्थायी बंकर से इलाके की रखवाली कर रहे थे। शुरुआत में दो शव बरामद किए गए जबकि बाद में एक और शव मिला।