नई दिल्ली, 22 जुलाई। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले आठ माह से आंदोलनरत किसान संगठनों ने संसद के हंगामी मॉनसून सत्र के दौरान गुरुवार को जब जंतर मंतर पर ‘किसान संसद’ बैठाई तो कृषी मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने फिर बातचीत का प्रस्ताव रखा। लेकिन तभी विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसानों पर तल्ख टिप्पणी करते हुए उन्हें मवाली कह कर नया विवाद खड़ा कर दिया।
नरेंद्र सिंह तोमर ने दिन में कहा, ‘हम किसानों के साथ बातचीत करने को तैयार हैं और हम पहले भी बात करते रहे हैं। मोदी सरकार किसान हितैषी सरकार है।’
- किसान आंदोलन की आड़ में पॉलिटिकल एजेंडे को धार दी जा रही : लेखी
लेकिन तोमर के इस बयान के कुछ देर बाद ही विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में विवादित बयान देकर मामले को और हवा दे दी। मीनाक्षी ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को मवाली बता दिया और यहां तक कह दिया कि वे किसान नहीं है। उन्होंने तर्क दिया कि इस प्रदर्शन की आड़ में कुछ बिचौलियों की मदद की जा रही है। उन्होंने किसान आंदोलन की आड़ में पॉलिटिकल एजेंडे को धार दी जा रही है और सिर्फ एक नेरेटिव को आगे बढ़ाया जा रहा है।
- पेगासस की फेक स्टोरी पर संसद को बाधित किया जा रहा
विदेश राज्य मंत्री लेखी ने पेगासस विवाद को लेकर भी विपक्ष पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि इसके जरिए फेक नेरेटिव बनाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि ये स्टोरी एकदम फेक है। येलो पेज पर एक लिस्ट बना ली गई है और उसके जरिए संसद को बाधित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि एमनेस्टी इंटरनेशनल ने पहले ही इस लिस्ट से पल्ला झाड़ा लिया है और इजरायल का एनएसओ ग्रुप भी अपनी बात रख चुका है। ऐसे में अब इस विरोध के जरिए सिर्फ भारत को बदनाम किया जा रहा है और लोकतंत्र के तमाम स्तंभों को बर्बाद करने की कवायद हो रही है।
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