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खरगे बोले – सरकार ने संसद में मुद्दों को नहीं उठाने दिया, इसलिए कांग्रेस निकाल रही भारत जोड़ो न्याय यात्रा

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नई दिल्ली, 6 जनवरी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ इसलिए निकाल रही है कि सरकार ने उसे संसद में मुद्दों को उठाने का मौका नहीं दिया।

मणिपुर से महाराष्ट्र तक की यात्रा 14 जनवरी से शुरू होगी

राहुल गांधी के नेतृत्व में मणिपुर से महाराष्ट्र तक की यह यात्रा 14 जनवरी से शुरू होगी और 6,713 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। इसमें शामिल लोग बसों से और पैदल यात्रा भी करेंगे। यात्रा 66 दिनों में 110 जिलों, 100 लोकसभा क्षेत्रों और 337 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी, जिसकी शुरुआत मणिपुर की राजधानी इम्फाल से होगी।

विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के नेताओं को भी यात्रा में शामिल होने का आमंत्रण

मल्लिकार्जुन खरगे ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा देश के बुनियादी सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित होगी। विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) के नेताओं और नागरिक समाज के सदस्यों को भी इस मार्च में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।

कांग्रेस ने पहले कहा था कि ‘पूर्व-से-पश्चिम भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ कन्याकुमारी से कश्मीर तक पहले की ‘दक्षिण-से-उत्तर भारत जोड़ो यात्रा’ की तरह ही प्रभावशाली और परिवर्तनकारी साबित होगी। खड़गे ने कहा, ‘कांग्रेस भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाल रही है क्योंकि सरकार ने हमें संसद में अपने मुद्दे उठाने का मौका नहीं दिया। इस मंच के जरिए हम लोगों की बात सुनेंगे।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए खरगे ने कहा कि मणिपुर में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई हैं और हर जगह बोलने वाले तथा फोटो खिंचवाने वाले प्रधानमंत्री ने अब तक इस हिंसाग्रस्त राज्य का दौरा नहीं किया है। उन्होंने केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर भी हमला बोला और आरोप लगाया कि वह विपक्षी नेताओं को धमकाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।

‘राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भागीदारी पर जल्द फैसला करूंगा

यह पूछे जाने पर कि क्या वह 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे, खरगे ने कहा कि उन्हें समारोह के लिए निमंत्रण मिला है और वह बहुत जल्द इस पर फैसला करेंगे। नए श्रम कानूनों और आपराधिक कानूनों का जिक्र करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार द्वारा लाए गए कानून तानाशाही का संकेत देते हैं।