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सभापति धनखड़ पर खरगे ने लगाए गंभीर आरोप – ‘हेडमास्टर की तरह डांटते हैं और धमकाते हैं’

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नई दिल्ली, 11 दिसम्बर। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके आचरण ने राष्ट्र के गौरव को नुकसान पहुंचाया है और इसी वजह से उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए विपक्ष को बाध्य होना पड़ा।

मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में धनखड़ पर हमलावर रुख अख्तियार करत हुए कहा कि विपक्ष की आवाज दबाई जाती है। सभापति राजनीति से परे होते हैं, लेकिन वह आरएसएस की तारीफ करते हैं। सभापति को निष्पक्ष होना चाहिए। राज्यसभा के सभापति को हटाने की नोटिस व्यक्तिगत शिकायतों या राजनीतिक लड़ाई से जुड़ी नहीं है।

राज्यसभा में व्यवधान का सबसे बड़ा कारण खुद सभापति

खरगे ने कहा कि राज्यसभा अध्यक्ष स्कूल के प्रधानाध्यापक की तरह काम करते हैं, अनुभवी विपक्षी नेताओं को उपदेश देते हैं, उन्हें बोलने से रोकते हैं। राज्यसभा में व्यवधान का सबसे बड़ा कारण खुद सभापति हैं। वह सरकार के प्रवक्ता के रूप में काम कर रहे हैं।

सभापति के आचरण ने देश की गरिमा को ठेस पहुंचाई है

कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘सदन में राज्यसभा सभापति के आचरण ने देश की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। हम राज्यसभा सभापति के खिलाफ नहीं है, लेकिन उन्होंने हमें उन्हें हटाने के लिए नोटिस देने के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा। हम राज्यसभा के सभापति के व्यवहार और पक्षपात से तंग आ चुके हैं। इसीलिए हमने उन्हें हटाने के लिए नोटिस दी है।’

विपक्ष का संसद में हंगामा

इस बीच उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की नोटिस को लेकर सत्तारूढ़ और विपक्षी सांसदों में बुधवार को तकरार हुई। एनडीए नेताओं ने इस कवायद को राजनीति से प्रेरित बताया जबकि इंडी गठबंधन के सदस्यों ने राज्यसभा के सभापति पर पक्षपात करने का आरोप लगाया।

मुद्दे से भटका रहा विपक्ष

केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा कि इस नोटिस का उद्देश्य कांग्रेस नेतृत्व और अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस के बीच कथित संबंधों के मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाना है। संसदीय कार्यमंत्री किरन रिजिजू ने उप राष्ट्रपति के रूप में धनखड़ के कामकाज की सराहना करते हुए कहा कि सरकार को उनपर गर्व है।

उधर तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य नदीमुल हक ने कहा कि विपक्ष के नेता से सहमत हूं, हमें राज्यसभा में अपनी बात कहने की अनुमति नहीं है।’ वहीं द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) सांसद तिरुचि शिवा ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा संसद में देश के लोकतंत्र पर खुला हमला किया जा रहा है।

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