शिमला/धर्मशाला, 8 मई। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा के मुख्य गेट पर खालिस्तान समर्थक झंडे दिखने से हड़कंप मच गया। धर्मशाला में स्थानीय लोगों ने इस बात की जानकारी प्रशासन को दी, इसके बाद झंडे को हटाने की काररवाई की गई।
गौरतलब है कि सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) संगठन के चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू हिमाचल के सीएम को खत लिखते हुए खालिस्तानी झंडे लगाने की धमकी दी थी। पन्नू ने खत में धमकी देते हुए कहा था कि वह शिमला में जरनैल सिंह भिंडरावाले और खालिस्तान का झंडा फहराएगा।
पुलिस ने तत्काल हटवाए खालिस्तानी झंडे
कांगड़ा के एसपी कुशल शर्मा ने इस मामले पर कहा, ‘यह घटना देर रात या रविवार को तड़के हुई है। पुलिस ने फौरन विधानसभा गेट से खालिस्तानी झंडे हटवा दिए। माना जा रहा है कि यह पंजाब से किसी आए यात्री की हरकत हो सकती है। हम आज इस घटना के सिलसिले में केस दर्ज कर रहे हैं। हम मामले के संबंध में पूछताछ कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश ओपन प्लेसेज ऐक्ट 1985 की उचित धाराओं के तहत केस दर्ज किया जाएगा। यह हमारे लिए एक तरह से सजग करने और ज्यादा अलर्ट रहकर काम करने वाली घटना है।’
सिख फॉर जस्टिस ने 29 मार्च को ही दी थी धमकी
उल्लेखनीय है कि सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने 29 मार्च को ही खालिस्तानी झंडा फहराने की धमकी दी थी, लेकिन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के कारण वह नापाक मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाया था। बताया जा रहा है कि हिमाचल में भिंडरावाले और खालिस्तान समर्थित झंडों पर बैन की वजह से पन्नू भड़का हुआ है।
दरअसल पंजाब का पड़ोसी राज्य होने की वजह से भी हिमाचल में खुफिया एजेंसियां अलर्ट हैं। पंजाब और हरियाणा में आतंकी मॉड्यूल के पकड़े जाने से भी चौकसी बढ़ी हुई है। हाल ही में करनाल में बब्बर खालसा के चार संदिग्ध आतंकी पकड़े गए थे। उनके पास से हथियारों का जखीरा जब्त हुआ था।
सीएम जयराम ठाकुर बोले – हिमाचल को मुस्तैद रहने की जरूरत
इस बीच हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर का कहना है कि पड़ोसी राज्यों में आतंकी मॉड्यूल्स का सक्रिय होना और चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि पंजाब, हरियाणा के साथ ही जम्मू-कश्मीर में भी आतंकी घटनाओं को देखते हुए हिमाचल को मुस्तैद रहने की जरूरत है। वहीं ताजा मामला सामने आने के बाद प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को और चाक-चौबंद किया गया है।