लखनऊ, 17 जुलाई। उत्तर प्रदेश भाजपा में मुख्मंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम – केशव प्रसाद मौर्य व बृजेश पाठक सहित दिग्गज नेताओं के कथित आपसी मतभेद व गुटबाजी की खबरों के बीच राजनीतिक कयासबाजियों का दौर जहां तेज है वहीं विपक्ष भी इस मौके का फायदा उठाते हुए भाजपा पर हमलावर है। इसी क्रम में पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव ने एक X पोस्ट के जरिए यहां तक कह डाला कि भाजपा की कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में प्रदेश में शासन-प्रशासन ठंडे बस्ते में चला गया है।
भाजपा की कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में, उप्र में शासन-प्रशासन ठंडे बस्ते में चला गया है।
तोड़फोड़ की राजनीति का जो काम भाजपा दूसरे दलों में करती थी, अब वही काम वो अपने दल के अंदर कर रही है, इसीलिए भाजपा अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही है।
जनता के बारे में सोचनेवाला…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 17, 2024
लेकिन डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कुछ घंटे बाद ही अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि सपा राज्य क सत्ता में वापसी का सपना नहीं देखना चाहिए। केशव मौर्य ने अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा, ‘सपा बहादुर श्री अखिलेश यादव जी, भाजपा का देश और प्रदेश दोनों जगह मजबूत संगठन और सरकार है। सपा का PDA धोखा है। यूपी में सपा के गुंडाराज की वापसी असंभव है। भाजपा 2027 विधानसभा चुनाव में 2017 दोहराएगी।’
सपा बहादुर श्री अखिलेश यादव जी,भाजपा की देश और प्रदेश दोनों जगह मज़बूत संगठन और सरकार है,
सपा का PDA धोखा है।
यूपी में सपा के गुंडाराज की वापसी असंभव है,
भाजपा 2027 विधानसभा चुनाव में 2017 दोहरायेगी।#फिर_एकबार_डबल_इंजन_सरकार— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) July 17, 2024
दरअसल, यूपी में आम चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद इस बात की चर्चा तेज है कि राज्य में भाजपा संगठन और सरकार के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इन चर्चाओं के बीच उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और राज्य भाजपा प्रमुख भूपेंद्र चौधरी दिल्ली पहुंचे थे। दोनों को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तलब किया था।
सूत्रों की मानें तो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने यूपी में सरकार और संगठन में तालमेल बैठाने पर जोर दिया है और पार्टी हित में बयानबाजी से बचने की सलाह दी है। इस बीच यूपी भाजपा अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यूपी के राजनीतिक घटनाक्रम पर एक घंटे तक मुलाकात की और उन्हें लोकसभा चुनाव पर फीडबैक दिया।
वहीं गत 14 जुलाई को यूपी भाजपा कार्यकारिणी समिति की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अति आत्मविश्वास ने लोकसभा चुनावों में भाजपा को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने कहा था, ‘2014 और उसके बाद के चुनावों में भाजपा के पक्ष में जितने प्रतिशत वोट थे, भाजपा 2024 में भी उतने ही वोट हासिल करने में सफल रही है, लेकिन वोटों की शिफ्टिंग और अति आत्मविश्वास ने हमारी उम्मीदों को नुकसान पहुंचाया है।’
वहीं कार्यसमिति की बैठक में अपने संबोधन के दौरान केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि पार्टी संगठन सरकार से बड़ा है। सभी मंत्रियों, विधायकों और जन प्रतिनिधियों को पार्टी कार्यकर्ताओं का सम्मान करना चाहिए और उनके सम्मान का ख्याल रखना चाहिए।
लोकसभा चुनाव में नुकसान, उपचुनाव में भरपाई की कोशिश
फिलहाल अब पार्टी का फोकस यूपी में होने वाले उपचुनाव पर है। 10 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होना है। इसके लिए पार्टी तैयारियों में जुटी है और लोकसभा चुनाव में हुए नुकसान की भरपाई करना चाहती है। इसी क्रम में सीएम योगी ने 30 कैबिनेट व राज्य मंत्रियों की एक टीम गठित की है। इन मंत्रियों को विधानसभावार जिम्मेदारी सौंपी गई है।