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केरल हाई कोर्ट से राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को झटका, 8 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से पद पर बने रहने को कहा

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कोच्चि, 24 अक्टूबर। केरल उच्च न्यायालय ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को झटका देते हुए सोमवार को आठ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से कहा कि वे अपने-अपने पद पर रहकर काम जारी रखें और उन्हें केवल तय प्रक्रिया का पालन करके ही हटाया जा सकता है।

कोर्ट ने कहा – राज्यपाल की ओर से कुलपतियों को पद छोड़ने का निर्देश देना अनुचित

न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने आठ कुलपतियों की ओर से दायर आपात याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की ओर से कुलपतियों को दिया गया निर्देश उचित नहीं था। गौरतलब है कि राज्यपाल ने इन आठ कुलपतियों को सोमवार तक इस्तीफा देने की चेतावनी दी थी।

अदालत ने विशेष सुनवाई के दौरान कहा, ‘वे अपने पद पर बने रहने के पात्र हैं।’ अदालत ने पाया कि कुलाधिपति ने कुलपतियों को कारण बताओ नोटिस जारी करके तीन नवंबर तक यह बताने के लिए कहा था कि क्यों ना उन्हें पद से हटा दिया जाए। इस आधार पर अदालत ने कहा कि कुलपतियों को इस्तीफा देने का निर्देश देने का कोई महत्व नहीं है।

कुलपतियों के खिलाफ केवल तय प्रक्रिया के तहत की जा सकती है काररवाई

अदालत ने कहा कि कुलपतियों के खिलाफ केवल तय प्रक्रिया का पालन करके काररवाई की जा सकती है। कुलपतियों ने अदालत से कहा कि 24 घंटों के अंदर इस्तीफा देने का राज्यपाल का निर्देश पूरी तरह अवैध था।

राज्यपाल ने कुलपतियों को जारी की नोटिस

इस बीच केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सोमवार को उन नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को नोटिस जारी की, जिन्होंने उनके निर्देश के अनुसार आज पूर्वाह्न 11.30 बजे से पहले अपना त्याग पत्र भेजने से इनकार कर दिया था। इस बात का खुलासा खुद राज्यपाल ने किया, जो राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं।

आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, ‘उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। अब औपचारिक नोटिस जारी किए गए हैं।’ उन्होंने कहा कि नोटिस यूजीसी विनियमन के प्रावधानों के विपरीत गठित ‘सर्च कमेटी’ की सिफारिश पर कुलपति के रूप में किसी भी नियुक्ति को अमान्य घोषित करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुरूप जारी किए गए हैं।

कुलपतियों को जवाब देने के लिए 3 नवम्बर तक का समय

कारण बताओ नोटिस के ब्योरे के बारे में पूछे जाने पर खान ने कहा, “अब, उच्चतम न्यायालय के फैसले के आलोक में मैं आपकी नियुक्ति को शुरू से ही ‘अमान्य’ क्यों नहीं घोषित कर दूं।” उन्होंने कहा कि कुलपतियों को जवाब देने के लिए तीन नवम्बर तक का समय दिया गया है।

खान ने सीएम विजयन के आरोपों को भी खारिज किया

राज्यपाल खान ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के आरोपों को भी खारिज कर दिया कि कुलपतियों को प्राकृतिक न्याय से वंचित किया गया है। राज्यपाल ने अपने खिलाफ मुख्यमंत्री के आरोपों का जवाब देने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मैंने केवल एक सम्मानजनक रास्ता सुझाया। मैंने उन्हें बर्खास्त नहीं किया है।’