Site icon hindi.revoi.in

केरल सरकार ने बदले नियम – राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को यूनिवर्सिटी चांसलर पद से हटाया

Social Share

तिरुवनंतपुरम, 10 नवम्बर। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को केरल कलामंडलम डीम्ड-टू-विश्वविद्यालय के चांसलर के पद से हटा दिया गया है। पिनराई विजयन सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए केरल कलामंडलम डीम्ड विश्वविद्यालय के नियमों में संशोधन भी कर दिया है। अब तक यह पद राज्य के राज्यपाल के पास रहा करता था, लेकिन नए नियमों के मुताबिक कला एवं संस्कृति क्षेत्र के किसी शख्स की इस पद पर नियुक्ति की जाएगी।

राज्य सरकार के फैसले से बढ़ा विवाद

राज्य सरकार की तरफ से भी यह फैसला उस समय लिया गया है, जब विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर विवाद चल रहा है और राज्यपाल और सरकार के बीच में तनाव की स्थिति है। लेकिन अब उस तनाव के बीच विजयन सरकार का यह फैसला एक नए विवाद को जन्म दे सकता है। सरकार ने अपनी मंशा साफ कर दी है कि वह आरिफ मोहम्मद खान को अब केरल कलामंडलम डीम्ड-टू-विश्वविद्यालय के चांसलर के रूप में नहीं देख सकती।

केरल की शिक्षा मंत्री तो यहां तक कह चुकी हैं कि अगर आरिफ मोहम्मद खान इस आदेश को नहीं मानते हैं और उनकी तरफ से अध्यादेश पर हस्ताक्षर नहीं किए जाते हैं तो उस स्थिति में राज्य सरकार विधेयक लेकर आ जाएगी।

कौन हो सकता है चांसलर?

नए नियम के मुताबिक यूनिवर्सिटी का चांसलर वह होगा, जिसे स्पॉनसरिंग बॉडी नियुक्त करेगी। शर्त यह भी रख दी गई है कि कला एवं संस्कृति क्षेत्र से ही किसी को नियुक्त किया जाएगा। यह भी साफ कर दिया गया है कि एक चांसलर पांच साल तक अपने पद पर बना रह सकता है। उसे एक बार एक्सटेंशन भी दिया जा सकता है। लेकिन अगर किसी की उम्र 75 साल से ज्यादा हो गई है, उस स्थिति में वो पद पर बना नहीं रह सकता। फिलहाल भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि केरल में विश्वविद्यालयों को वामपंथी केंद्र बनाने की कोशिश हो रही है।

क्यों चल रही है यह तकरार?

वैसे जिस विवाद की वजह से राज्य सरकार बनाम राज्यपाल जंग छिड़ी है, वो भी समझना जरूरी हो जाता है। असल में आरिफ मोहम्मद खान ने केरल के नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इस्तीफा देने के निर्देश दिए थे। इसके पीछे उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आधार बताया था। सुप्रीम कोर्ट ने यूजीसी के नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर एमएस राजश्री की नियुक्ति रद कर दी थी।

Exit mobile version