नई दिल्ली, 15 फरवरी। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (बीबीसी) के भारत स्थित कार्यलयों में आयकर (आईटी) विभाग के सर्वे को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रहार करते हुए कहा है कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और उसकी स्वतंत्रता पर हमला जनता की आवाज दबाने के बराबर है।
गौरतलब है कि आयकर विभाग ने मंगलवार को कथित कर अपवंचना की जांच के तहत दिल्ली और मुंबई में बीबीसी के कार्यालयों तथा दो अन्य संबंधित स्थानों पर ‘सर्वे ऑपरेशन’ चलाया, जो बुधवार को भी जारी रहा।
अरविंद केजरीवाल ने बुधवार एक ट्वीट में में कहा, ‘मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है। मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला जनता की आवाज दबाने के बराबर है। जो भी भाजपा के खिलाफ बोलता है उसके पीछे ये लोग आईटी, सीबीआई और ईडी को छोड़ देते हैं। क्या भाजपा देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और संस्थाओं को कुचलकर पूरे देश को अपना गुलाम बनाना चाहती है?’
मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है, मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला जनता की आवाज़ दबाने के बराबर है। जो भी भाजपा के ख़िलाफ़ बोलता है उसके पीछे ये लोग IT, CBI और ED को छोड़ देते हैं।
क्या भाजपा देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और संस्थाओं को कुचलकर पूरे देश को अपना गुलाम बनाना चाहती है?
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 15, 2023
उल्लेखनीय है कि आईटी विभाग के सर्वे को लेकर भाजपा और विपक्षी दलों के बीच तीखी राजनीतिक बहस भी शुरू हो गई है। विपक्ष ने इस कदम की जहां निंदा की वहीं भाजपा ने बीबीसी पर भारत के खिलाफ ‘जहरीली’ रिपोर्टिंग करने का आरोप लगाया। ‘बीबीसी इंडिया’ के खिलाफ आयकर विभाग का ‘सर्वे ऑपरेशन’ बुधवार को लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा और ऐसा माना जा रहा है कि आयकर विभाग के अधिकारी संगठन के इलेक्ट्रॉनिक एवं कागज आधारित वित्तीय आंकड़ों की प्रतियां बना रहे हैं।
इस घटनाक्रम से अवगत अधिकारियों ने बताया था कि आयकर विभाग के कर्मचारी मंगलवार को पूर्वाह्न करीब साढ़े 11 बजे बीबीसी के कार्यालय पहुंचे और वे अब भी वहां मौजूद हैं। कर अधिकारी बीबीसी के वित्त और कुछ अन्य विभागों के कर्मचारियों से बात कर रहे हैं, जबकि अन्य कर्मचारियों एवं संवाददाताओं को मंगलवार रात जाने की अनुमति दे दी गई थी।
अधिकारियों ने बताया कि कुछ कंप्यूटर और मोबाइल फोन के ‘क्लोन’ बनाए गए हैं। बीबीसी द्वारा दो-भाग वाले वृत्तचित्र ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ को प्रसारित किए जाने के कुछ सप्ताह बाद यह औचक काररवाई की गई है।