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पीएम मोदी के ‘रेवड़ी कल्चर’ पर केजरीवाल का पलटवार – भगवान ने चाहा तो पूरे देश को मुफ्त शिक्षा और इलाज देंगे

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नई दिल्ली, 16 जुलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के जालौन में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के उद्घाटन अवसर पर ‘रेवड़ी कल्चर’ के बहाने विपक्ष पर हमला बोला तो शाम होते ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी के बयान पर तीखा पलटवार करते हुए कहा कि यदि सबकुछ अनुकूल रहा तो वह पूरे देश को मुफ्त शिक्षा और चिकित्सा उपलब्ध कराएंगे।

दरअसल, पीएम मोदी ने किसी पार्टी का नाम लिए बिना कहा था, ‘हमारे देश में रेवड़ी कल्चर को बढ़ावा देने कोशिश हो रही है। मुफ्त की रेवड़ी बांटकर वोट बटोरने का कल्चर लाने की कोशिश हो रही है। ये रेवड़ी कल्चर देश के विकास के लिए बहुत घातक है। इस रेवड़ी कल्चर से देश के लोगों को बहुत सावधान रहना है।’

प्रधानमंत्री के बयान का भरपूर जवाब देते हुए आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘मुझ पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि केजरीवाल फ्री की रेवड़ियां बांट रहा है, मुझे गालियां दी जा रही हैं। लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या गलतियां कर रहा हूं।’

आज दो किस्म की राजनीति चल रही है, एक ईमानदारी और दूसरी भ्रष्टाचार की

केजरीवाल ने कहा, ‘आज दो किस्म की राजनीति चल रही है। एक ईमानदारी और दूसरी भ्रष्टाचार की। ईमानदार राजनीति आम आदमी पार्टी कर रही है। हम एक-एक चीज में पैसे बचाते हैं। जनता को सुविधाएं देते हैं। दूसरी भ्रष्टाचार की राजनीति में अपने दोस्तों को ठेके देते हैं। मंत्रियों को सुविधाएं देते हैं। जनता को सुविधाएं नहीं देंगे। आज जनता को तय करना है – ईमानदारी की राजनीति करनी है या भ्रष्टाचार की।’

किसी का इलाज करवाना रेवड़ी बांटना है क्या?

सीएम केजरीवाल ने कहा, ‘दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 18 लाख बच्चे पढ़ते हैं, इनका भविष्य पहले अंधकार में था। इन्हें फ्री अच्छी शिक्षा देकर क्या मैं गुनाह कर रहा हूं। 75 वर्षों में पहली बार सरकारी स्कूलों में 99 फीसदी से ज्यादा नतीजे आए हैं। चार लाख बच्चे प्राइवेट स्कूलों से नाम कटाकर सरकारी स्कूल में भर्ती हुए हैं। गरीबों के बच्चे NEET क्वालीफाई कर रहे हैं। यह काम 1947-1950 मे हो जाना चाहिए था। हम देश की नींव रख रहे हैं, यह रेवड़ी नहीं है।’

दिल्ली दुनिया का इकौलात शहर, जहां 2 करोड़ लोगों का इलाज मुफ्त

उन्होंने कहा, ‘आज दिल्ली दुनियाभर के अकेला शहर है, जहां दो करोड़ लोगों में से एक-एक आदमी का इलाज मुफ्त है। 50 लाख का भी ऑपरेशन का खर्च हो तो मुफ्त होता है। क्या यह फ्री की रेवड़ी है? किसी का एक्सीडेंट हो जाए, तो कितने भी महंगे अस्पताल में ले जाएं, ठीक करने का पूरा खर्च फरिश्ते स्कीम के जरिए सरकार देती है।’

45 हजार बुजुर्गों को तीर्थयात्रा करवाई, क्या गलत किया

पीएम के ‘रेवड़ी कल्चर’ के जवाब में दिल्ली के सीएम ने कहा, ‘फरिश्ते स्कीम से हम 13 हजार लोगों की जान बचा चुके हैं, उनसे पुछिए कि क्या ये फ्री की रेवड़ी है। तुम्हारे मंत्रियों को फ्री में बिजली मिलती है, हम लोगों को फ्री में बिजली दें तो यह क्या रेवड़ी है। हम 17 हजार लोगों को फ्री में योग सीखा रहे हैं। करीब 45 हजार बुजुर्ग मुफ्त तीर्थयात्रा कर चुके हैं। यह तो पुण्य होता है, लेकिन मुझे कह रहे हैं कि फ्री में रेवड़ी बांट रहा है।’

भ्रष्टाचार खत्म करके सुविधाएं दे रहा हूं

अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘जो यह कह रहे हैं – उन्होंने हजारों करोड़ खर्च करके प्राइवेट प्लेन खरीदा है। केजरीवाल पैसे बचाकर महिलाओं को फ्री में यात्रा कराता है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है मैंने। मेरी डिग्री भी फर्जी नहीं है। दिल्ली का बजट नफे में चल रहा है, भ्रष्टाचार खत्म करके मैंने अगर लोगों को सहूलियत दी तो क्या गलत किया।’

भगवान ने हमें सबकुछ दे रखा है, फिर भी हम नंबर वन क्यों नहीं बने

‘आप’ संयोजक ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा, ‘एक कम्पनी लोन लेकर खा गई, लेकिन एक पार्टी को चंदा दे दिया और लोन माफ हो गया। ये फ्री की रेवड़ी है। जब आप विदेशी सरकारों से अपने दोस्तों के लिए ठेके लेते हैं, यह फ्री की रेवड़ी है। हम पैसा बचाकर लोगों को सुविधा दे रहे हैं। दूसरी तरफ वे अपने दोस्तों को ठेके देते हैं, जनता को सुविधा नही देंगे, मंत्रियों को सुविधा देते हैं। आज जनता को तय करना है… आजादी के 75 साल हो गए, कितने देश हमसे आगे बढ़ गए।’ भगवान ने हमें सबकुछ दे रखा है, फिर भी हम नंबर वन क्यों नहीं बने।’

… तो देश के एक-एक व्यक्ति को शानदार स्वास्थ्य व्यवस्था देंगे

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, ‘आज हम दिल्ली में फ्री शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था दे रहे हैं, अगर कभी भगवान ने चाहा तो हम देश के एक-एक बच्चे को शानदार शिक्षा, एक-एक व्यक्ति को शानदार स्वास्थ्य व्यवस्था देंगे। यह नींव रखेंगे हम। भारत के पास कैपेबिलिटी है यह करने की, लेकिन उसके लिए ईमानदार राजनीति की जरूरत है।’