नई दिल्ली, 25 अगस्त। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने जेल से सरकार इसलिए चलाई कि केंद्र की भाजपा सरकार ने उन्हें ‘झूठे मामले’ में फंसा दिया था।
उल्लेखनीय है कि शराब नीति मामले में गिरफ्तारी के बाद जेल से दिल्ली के मुख्यमंत्री बने रहने को लेकर अमित शाह लगातार केजरीवाल पर निशाना साधते रहे हैं। आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे जेल में बंद मंत्रियों को बाहर करने के लिए लोकसभा में पेश किए गए तीन नए विधेयकों को आगे बढ़ाने के लिए गृह मंत्री ने बार-बार केजरीवाल के उदाहरण का इस्तेमाल किया है।
वहीं केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दो पोस्ट में शाह और पीएम मोदी पर पलटवार करते हुए कहा कि जो लोग अपराधियों को अपनी पार्टियों में शामिल करते हैं और उनके पाला बदलने पर उनके खिलाफ मामले रद कर देते हैं, उन्हें भी अपना पद छोड़ देना चाहिए। AAP प्रमुख ने कहा, ‘राजनीतिक षड्यंत्र के तहत झूठे केस में फंसाकर जब केंद्र ने मुझे जेल भेजा तो मैंने जेल से 160 दिन सरकार चलाई।’
‘आज का बुरा हाल देख दिल्लीवासी उसी जेल वाली सरकार को याद कर रहे’
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की भी आलोचना की और कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के लोग पिछले सात महीनों की स्थिति देखने के बाद उस सरकार को याद कर रहे हैं, जो जेल से चलाई गई थी। कम से कम जेल वाली सरकार के वक्त बिजली नहीं जाती थी, पानी आता था, अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिक में फ्री दवाईयां मिलती थीं, फ्री टेस्ट होते थे, एक बारिश में दिल्ली का इतना बुरा हाल नहीं होता था, प्राइवेट स्कूलों को मनमानी और गुंडागर्दी करने की इजाजत नहीं थी…।’
राजनीतिक षड्यंत्र के तहत झूठे केस में फँसाकर जब केंद्र ने मुझे जेल भेजा तो मैंने जेल से 160 दिन सरकार चलायी।
पिछले सात महीनों में दिल्ली की बीजेपी सरकार ने दिल्ली का ऐसा हाल कर दिया है कि आज दिल्ली वाले उस जेल वाली सरकार को याद कर रहे हैं। कम से कम जेल वाली सरकार के वक्त बिजली…
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 25, 2025
क्या ऐसे मंत्री/प्रधानमंत्री को भी अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए?
केजरीवाल ने शाह व पीएम मोदी पर हमला करते हुए पूछा – ‘जो व्यक्ति गंभीर अपराधों के अपराधियों को अपनी पार्टी में शामिल करता है और उनके सभी मामले रद करवाकर उन्हें मंत्री, उप मुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री बनाता है, क्या ऐसे मंत्री/प्रधानमंत्री को भी अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए? ऐसे व्यक्ति को कितने साल की जेल होनी चाहिए? अगर किसी पर झूठा मामला दर्ज करके उसे जेल भेज दिया जाता है और बाद में वह बरी हो जाता है, तो उस मंत्री को कितने साल की जेल होनी चाहिए जिसने उसके खिलाफ झूठा मामला दर्ज कराया?’
जो व्यक्ति गंभीर गुनाहों के मुज़रिमों को अपनी पार्टी में शामिल करके उनके सारे केस रफ़ा दफ़ा करके उन्हें मंत्री, उपमुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री बना देता है, क्या ऐसे मंत्री/प्रधान मंत्री को भी अपना पद छोड़ना चाहिए? ऐसे व्यक्ति को कितने साल की जेल होनी चाहिए?
अगर किसी पर झूठा केस… https://t.co/cK3kNZrY14
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 25, 2025
शाह ने एक इंटरव्यू में केजरीवाल पर साधा था निशाना
इससे पहले, अमित शाह ने एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में कहा था कि यदि प्रस्तावित कानून उस समय लागू होते तो केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ता। शाह ने इंटरव्यू में कहा, ‘यदि यह कानून लागू होता, तो उन्हें इस्तीफा देना पड़ता। जब उनके बाहर आने के बाद जनता ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया तो उन्होंने नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दिया और आतिशी जी को दिल्ली का मुख्यमंत्री बना दिया, क्योंकि जैसे ही उन्होंने घूमना शुरू किया, जनता उनसे सवाल पूछने लगी।’
शाह ने यह भी कहा कि अतीत में कई मंत्रियों ने, जिनमें वे स्वयं भी शामिल हैं, गिरफ्तारी का सामना करने के बाद नैतिक आधार पर अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था। ‘आप’ संयोजक पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, ‘ यदि राजनीति और सामाजिक जीवन की नैतिकता का स्तर इस तरह गिराया जा रहा है तो हम इससे सहमत नहीं हैं।’

