नई दिल्ली, 1 दिसम्बर। आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को एलान किया कि उनकी पार्टी अगले वर्ष फरवरी में प्रस्तावित दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी और अकेले मैदान में उतरेगी।
दिल्ली के पूर्व सीएम केजरीवाल का यह बयान तब आया है, जब दोनों ही पार्टियां विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. का हिस्सा हैं और इस वर्ष दिल्ली में लोकसभा चुनाव भी साथ मिलकर लड़ चुकी हैं। हालांकि, उनके संयुक्त प्रयासों का कोई नतीजा नहीं निकला और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली की सभी लोकसभा सीटों पर जीत हासिल कर ली।
हरियाणा में भी गठबंधन को लेकर सहमति नहीं बन पाई थी
उल्लेखनीय है कि ‘आप’ और कांग्रेस ने अक्टूबर में हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन बनाने का प्रयास किया था, लेकिन कई दौर की बातचीत के बावजूद सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई। यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे दिल्ली विधानसभा चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला होने का रास्ता साफ हो गया है, जिसमें ‘आप’, कांग्रेस और भाजपा सत्ता के लिए होड़ में हैं।
क्या आम आदमी पार्टी के विधायकों को फ़र्ज़ी केस में फंसाने से दिल्ली सुरक्षित होगी? https://t.co/tGzZjp7pJj
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 1, 2024
केजरीवाल की यह टिप्पणी उस घटना के एक दिन बाद आई है, जब एक शख्स ने दक्षिण दिल्ली के मालवीय नगर में पदयात्रा के दौरान उन पर कुछ तरल पदार्थ फेंका था। ‘आप’ ने दावा किया कि यह स्प्रिट था और ‘हमलावर’ पार्टी सुप्रीमो को जलाना चाहता था, लेकिन पुलिस ने कहा है कि केजरीवाल पर पानी फेंका गया था। पुलिस का यह भी कहना है कि सार्वजनिक कार्यक्रम उनकी अनुमति के बिना आयोजित किया गया था।
वहीं भाजपा ने मुख्यमंत्री आतिशी के इस आरोप का जोरदार खंडन किया है कि आरोपित भगवा पार्टी का कार्यकर्ता था। ‘आप’ ने इस घटना के लिए भाजपा नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि पिछले 35 दिनों में केजरीवाल पर यह तीसरा ‘हमला’ है। पुलिस के अनुसार, आरोपित की पहचान दिल्ली परिवहन निगम के खानपुर डिपो में कार्यरत बस मार्शल अशोक झा के रूप में हुई है, जिसे हिरासत में लिया गया है।
गौरतलब है कि फरवरी, 2025 में प्रस्तावित दिल्ली विधानसभा चुनाव के साथ ‘आप’ 2020 में अपनी शानदार जीत के बाद लगातार तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश कर रही है। तब उसने 70 में से 62 सीटें जीती थीं। दूसरी ओर भाजपा ढाई दशक बाद दिल्ली में वापसी का लक्ष्य लेकर चल रही है।