श्रीनगर, 13 मई। बडगाम में सरकारी कर्मचारी राहुल भट्ट की हत्या के बाद अनंतनाग में कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारी संघ ने शुक्रवार को जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में कश्मीर घाटी में रहने वाले कश्मीरी पंडितों के परिवार भी शामिल रहे। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया। इसी क्रम में कई प्रदर्शनकारी बडगाम के एयरपोर्ट रोड की ओर बढ़ रहे थे, जिन्हें हटाने के लिए प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।
3 महीने के अंदर समुदाय में तीसरी हत्या
प्रदर्शनकारियों ने आतंकवादियों द्वारा 36 वर्षीय राहुल भट्ट की हत्या के बाद अपने समुदाय की सुरक्षा की मांग की है। प्रदर्शन कर रहे अमित नाम के एक कश्मीरी पंडित ने कहा, ‘पिछले तीन माह में यह हमारे समुदाय में तीसरी हत्या है। हमें सरकार से सुरक्षा चाहिए।’ वहीं एसोसिएशन के सदस्य संदीप भट्ट ने कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास का मुद्दा उठाते हुए कहा, ‘हम सरकार से हमें उन जगहों पर फिर से स्थापित करने के लिए कह रहे हैं, जहां हम पुनर्वासित महसूस करते हैं।’
पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह के खिलाफ नारेबाजी
कश्मीरी पंडित समुदाय के कई सदस्य अपने पारगमन शिविरों से निकलकर सड़कों पर उतरे और राहुल भट और उनके परिवार के लिए न्याय की मांग करते हुए सड़कों और राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया। उन्होंने केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ लगातार नारेबाजी भी की। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार पर अपने वादों को पूरा नहीं करने का भी आरोप लगाया। उनका कहना था कि सरकार उनकी रक्षा करने में विफल रही है।
आतंकियों ने ऑफिस में घुसकर की थी राहुल की हत्या
ज्ञातव्य है कि आतंकियों ने गुरुवार को बडगाम जिले के चदूरा गांव स्थित तहसीलदार के कार्यालय में घुसकर धावा बोल दिया और वहां पिछले 10 साल से कर्मचारी रहे राहुल भट्ट को गोली मार दी। उन्हें कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए एक विशेष पैकेज के तहत रोजगार दिया गया था।
बंतलाब में किया गया अंतिम संस्कार
राहुल भट्ट की हत्या को लेकर केंद्रशासित प्रदेश में कैंडल मार्च भी निकाला गया और कई प्रदर्शनकारी राहुल भट्ट के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने उनके आवास पर भी पहुंचे। राहुल भट्ट का बंतलाब में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान एडीजीपी जम्मू जोन मुकेश सिंह, संभागीय आयुक्त जम्मू रमेश कुमार और डीसी जम्मू अवनी लवासा भी मौजूद रहे।