बेंगलुरु, 14 अप्रैल। उडुपी में एक ठेकेदार संतोष पाटिल की कथित आत्महत्या मामले में खुद का नाम सामने आने के बाद विवादों में घिरते जा रहे कर्नाटक के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा ने गुरुवार को इस्तीफा देने की घोषणा कर दी।
ईश्वरप्पा पर आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने ही ठेकेदार को आत्महत्या के लिए उकसाया था। ईश्वरप्पा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मैंने कर्नाटक सरकार में ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री के रूप में काम किया है। मैंने मंत्री पद से इस्तीफा देने का आज फैसला किया। मैं शुक्रवार को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को अपना त्यागपत्र सौंप दूंगा।’
एफआईआर में ईश्वरप्पा को बनाया गया प्रथम आरोपित
ठेकेदार संतोष पाटिल की संदिग्ध आत्महत्या के सिलसिले में बुधवार को ईश्वरप्पा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ईश्वरप्पा को इस मामले में प्रथम आरोपित बनाया गया है।
ठेकेदार पाटिल ने लगाया था कमीशनखोरी का आरोप
37 वर्षीय पाटिल उडुपी के एक लॉज में संदिग्ध अवस्था में मृत पाए गए थे। ठेकेदार ने मंत्री एवं उनके करीबियों पर 2021 में बेलगावी के हिंदलगा गांव में एक उत्सव से पूर्व निर्माण कार्य पूरा करने के लिए 40 फीसदी कमीशन मांगने का आरोप लगाया था।
ईश्वरप्पा ने कहा, ‘मैंने इस्तीफा देने का फैसला इसलिए किया कि मैं उन लोगों को असहज स्थिति में नहीं डालना चाहता, जिन्होंने यहां तक पहुंचने में मेरी मदद की, यथा पार्टी में वरिष्ठ नेता, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और हमारे राष्ट्रीय नेता।’
ईश्वरप्पा ने पहले यह कहते हुए इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था कि उनकी गलती नहीं है। हालांकि विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य के राज्यपाल थावरचंद गहलोत से ईश्वरप्पा को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करने का आग्रह किया था।