बेंगलुरु, 15 अप्रैल। कर्नाटक के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा की कुर्सी आखिरकार चली गई और उन्हें न चाहते हुए मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। बेंगलुरु में शुक्रववार को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के साथ लंबी बैठक के बाद ईश्वरप्पा इस्तीफे
बताया जा रहा है कि ईश्वरप्पा और मुख्यमंत्री बोम्मई के बीत हुई बैठक में मंत्री बैराती बसवराज, एमटीबी नागराज, अरागा ज्ञानेंद्र और विधायक रमेश झारकीहोली भी मौजूद थे। यह बैठक मुख्यमंत्री के आवास पर हुई और उसके बाद ईश्वरप्पा ने बोम्मई कैबिनेट से त्यागपत्र देने का फैसला किया।
इस घटनाक्रम से पहले ईश्वरप्पा जब आज शाम शिवमोगा से बेंगलुरु के लिए रवाना हो रहे थे तो उन्होंने कहा था कि चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि वह मुख्यमंत्री से मिलकर जल्द ही वापस आ जाएंगे। वहीं शिवमोगा से गाड़ियों के लंबे काफिले के साथ निकले ईश्वरप्पा के समर्थकों ने उनके इस्तीफे के फैसले का काफी विरोध किया था।
शिवमोगा से बेंगलुरु निकलते समय पत्रकारों के बातचीत में ईश्वरप्पा ने कहा था, ‘मैं पार्टी के लिए कोई परेशानी नहीं पैदा करना चाहता। इसलिए मैं अपना इस्तीफा सौंपने के लिए मुख्यमंत्री से मिलने जा रहा हूं। मुझे भी विश्वास है कि मैं जांच में पाक साफ निकलूंगा।’
गौरतलब है कि बीते दिनों उडुपी में एक ठेकेदार संतोष पाटिल की कथित आत्महत्या मामले में खुद का नाम सामने आने के ईश्वरप्पा पर इस्तीफे का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा था। ईश्वरप्पा पर आरोप है कि उन्होंने ही ठेकेदार को आत्महत्या के लिए उकसाया था।
हालांकि ईश्वरप्पा ने गुरुवार की शाम भी यहां संवाददाता सम्मेलन में इस्तीफा देने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था, ‘मैंने कर्नाटक सरकार में ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री के रूप में काम किया है। मैंने मंत्री पद से इस्तीफा देने का आज फैसला किया। मैं शुक्रवार को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को अपना त्यागपत्र सौंप दूंगा।’