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कर्नाटक सरकार का निर्देश – एप आधारित कैब कम्पनियां बंद करें गैरकानूनी ऑटो रिक्शा सेवा

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बेंगलुरु, 7 अक्टूबर। कर्नाटक सरकार ने एप आधारित कैब सेवा प्रदान करने वाली कम्पनियों को शहर में उनकी गैरकानूनी ऑटो रिक्शा सेवा को बंद करने का निर्देश दिया है। सरकार का कहना है कि यह नियमों का उल्लंघन है।

ओला-उबर जैसी कम्पनियों को 3 दिनों का समय दिया

दरअसल, राज्य सरकार ने ओला-उबर जैसी कम्पनियों के साथ काम करने वाले ऑटो रिक्शा द्वारा ज्यादा किराया वसूले जाने की शिकायतें मिलने के बाद उक्त निर्देश जारी किया है। हालांकि, सरकार ने कम्पनियों को तीन दिन का समय दिया है ताकि वे अपनी ऑटो रिक्शा सेवा से जुड़ी जानकारी परिवहन विभाग के साथ साझा कर सकें।

एप आधारित कम्पनियों को सिर्फ टैक्सी सेवा प्रदान करने की अनुमति

कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन प्राधिकरण ने बुधवार को संबंधित कम्पनियों को नोटिस जारी की है। नोटिस में कहा गया है कि इन कैब कम्पनियों को ‘कर्नाटक ऑन-डिमांड परिवहन तकनीक एग्रेगेटर्स नियम -2016’ के तहत सिर्फ टैक्सी सेवा प्रदान करने की अनुमति दी गई है।

आदेश में कहा गया है नियमों के अनुसार सिर्फ टैक्सी सेवा मुहैया करायी जा सकती है और टैक्सी से तात्पर्य मोटर कैब से है, जिसमें चालक के अलावा छह से ज्यादा लोगों के बैठने की सुविधा न हो और जिसके पास सार्वजनिक वाहन का परमिट हो।

परिवहन विभाग ने अपने नोटिस में कहा है, ‘विभाग के संज्ञान में आया है कि कुछ सेवा प्रदाता उक्त नियम का उल्लंघन करके ऑटो रिक्शा सेवा भी दे रहे हैं। विभाग को यह भी पता चला है कि ग्राहकों से सरकार द्वारा तय सीमा से ज्यादा किराया वसूला जा रहा है। इसलिए आपको सूचित किया जाता है कि तत्काल प्रभाव से ऑटो रिक्शा सेवा बंद करें…’

आरोप – कैब कम्पनियां ग्राहकों से बहुत ज्यादा किराया वसूल रहीं

इस बीच, ओला-उबर ड्राइवर्स एंड ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष तनवीर पाशा ने कहा कि कैब कम्पनियों को लाइसेंस सिर्फ टैक्सियों के लिए मिला हुआ है, ऑटो रिक्शा के लिए नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि कैब कम्पनियां ग्राहकों से बहुत ज्यादा किराया वसूल रही हैं। पाशा ने यह भी कहा कि एसोसिएशन ने एक वर्ष पहले इस संबंध में परिवहन विभाग में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।