बेंगलुरु, 15 जून। कर्नाटक सरकार ने लोकसभा चुनाव के बाद आमजन को झटका देते हुए शनिवार से तत्काल प्रभाव से पेट्रोल और डीजल के दाम में तीन रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है। कीमत में यह बढ़ोतरी कर्नाटक सरकार की आधिकारिक अधिसूचना के बाद हुई है, जिसमें पेट्रोलियम उत्पादों पर बिक्री कर में संशोधन किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बिक्री कर में संशोधन से पेट्रोल की कीमत में तीन रुपये की बढ़ोतरी हुई है, जिसके बाद बेंगलुरु में पेट्रोल की कीमत 102.84 रुपये प्रति लीटर हो गई है। इसी तरह डीजल की कीमत में 3.02 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। अब राज्य की राजधानी में डीजल 88.95 रुपये प्रति लीटर मिलेगा।
पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अनुसार, कर्नाटक सरकार ने राज्य में पेट्रोलियम उत्पादों पर लगाए जाने वाले बिक्री कर में संशोधन किया है, जिससे पेट्रोल-डीजल की कीमत में वृद्धि हुई है। अधिसूचना के अनुसार, राज्य सरकार ने पेट्रोल पर बिक्री कर 25.92 प्रतिशत से बढ़ाकर 29.84 प्रतिशत कर दिया है जबकि डीजल पर बिक्री कर 14.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 18.4 प्रतिशत कर दिया है। बिक्री कर में वृद्धि ने पूरे राज्य में पेट्रोल और डीजल दोनों की खुदरा कीमतों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।
कर्नाटक के वित्त विभाग के इस कदम का उद्देश्य राज्य के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाना है। हालांकि, इसका परिवहन और माल वितरण सहित विभिन्न क्षेत्रों पर प्रभाव पड़ने की संभावना है। इन नई कीमतों के तत्काल लागू होने से लोगों पर वित्तीय भार बढ़ सकता है।
भाजपा बोली – कांग्रेस ने अपनी योजनाओं से कर्नाटक को दिवालिया बना दिया
इस बीच पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। पार्टी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का असली चेहरा उजागर हो गया है। कांग्रेस पार्टी कहती है कि देश में महंगाई है और फिर उसकी राज्य सरकारें पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ा देती हैं। पूनावाला ने कहा कि कर्नाटक में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तीन रुपये की बढ़ोतरी आम आदमी से पैसा वसूलने के लिए की गई है क्योंकि कांग्रेस ने अपनी योजनाओं से कर्नाटक को दिवालिया बना दिया है। अब यह साफ हो गया है कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ आम आदमी को लूटना चाहती है।
वहीं भाजपा प्रवक्ता एस. प्रकाश ने कहा कि सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने लोकसभा चुनाव खत्म होते ही राज्य में डीजल और पेट्रोल की कीमतों में भारी वृद्धि की है। लोगों को उम्मीद थी कि राहुल गांधी के वादे के अनुसार उनके बैंक खातों में 8,500 रुपये आएंगे। लेकिन इसके उलट पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि से उन पर भारी बोझ डाला गया है। उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार की गारंटी योजनाओं का नतीजा है। राज्य सरकार आर्थिक रूप से दिवालिया हो चुकी है और अब जनता से राजस्व निकालने की कोशिश कर रहे हैं।