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करगिल विजय दिवस : राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने करगिल युद्ध के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुर सैनिकों को दी श्रद्धांजलि

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नई दिल्ली, 26 जुलाई।  करगिल विजय दिवस के आज 22 वर्ष पूरे हो गए। इस क्रम में सम्पूर्ण राष्ट्र आजकरगिल विजय दिवस पर युद्धनायकों को याद कर र‍हा है और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है।

वर्ष 1999 में आज ही के दिन भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय को अंजाम देते हुए पाकिस्तानी सेना को करारी शिकस्त दी थी। ऑपरेशन विजय में भारतीय सशस्‍त्र बलों की जीत की स्‍मृति में करगिल विजय दिवस मनाया जाता है। इस दिन सेना ने करगिल पहाडियों से पाकिस्‍तानी सेना समर्थित घुसपैठियों को बाहर निकाला था।

करगिल युद्ध 60 से अधिक दिनों तक चला था और अपने क्षेत्रों पर भारत के फिर नियंत्रण होने के साथ समाप्‍त हुआ था। इस युद्ध में टाइगर हिल की विजय एक बड़ी उपलब्धि थी। भारतीय सैनिकों ने 18 हजार फुट की ऊचाई पर कठिन परिस्थितियों में करगिल युद्ध लड़ा था।

कारगिल विजय दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सभी वीर जवानों को नमन किया। सुश्री मुर्मू ने एक ट्वीट में कहा कि यह दिवस सशस्त्र बलों की असाधारण वीरता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सभी देशवासी सशस्त्र बलों और उनके परिवार के सदस्यों के हमेशा ऋणी रहेंगे।

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने 1999 में राष्ट्र की रक्षा करने में अटूट देशभक्ति और अदम्य वीरता का प्रदर्शन करने वाले बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने ट्वीट में कहा कि देश करगिल के शहीदों के सर्वोच्च बलिदान के लिए हमेशा उनका ऋणी रहेगा।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करगिल विजय दिवस पर मातृभूमि की रक्षा में साहस और शौर्य के लिए देश के वीर सपूतों को नमन किया है। उन्‍होंने कहा कि करगिल विजय दिवस मॉं भारती के गौरव का प्रतीक है।

राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत सशस्त्र बलों की बहादुरी, साहस और बलिदान को सलाम करता है। उन्होंने कहा कि जवानों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अत्यंत कठोर परिस्थितियों में बहादुरी से लड़ाई लड़ी। राजनाथ सिंह ने कहा कि उनकी वीरता और अदम्य भावना को भारतीय इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज पूर्वाह्न नई दिल्ली में राष्ट्रीय समर स्मारक पर कारगिल युद्ध में बहादुरी से लड़ने वाले शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। तीनों सेना प्रमुखों – थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने भी राष्ट्रीय समर स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

संसद के मॉनसून सत्र के दौरान दोनों सदन के सदस्यों ने भी युद्धवीरों के साहस को याद किया और एक मिनट का मौन रखकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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