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कपिल सिब्बल बोले – ‘अमित शाह ने केजरीवाल की जमानत पर बयान देकर सुप्रीम कोर्ट की मंशा पर सवाल खड़ा किया’

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नई दिल्ली, 16 मई। राज्यसभा सांसद और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अमित शाह द्वारा की गई टिप्पणी बेहद ‘आपत्तिजनक’ है। यदि गृह मंत्री को कानून के बारे में जानकारी होती, तो वह ऐसी टिप्पणी नहीं करते।

कपिल सिब्बल ने कहा, ‘केजरीवाल की जमानत को लेकर अमित शाह ने बेहद आपत्तिजनक बयान दिया है और सुप्रीम कोर्ट की मंशा पर सवाल उठाया है। उन्होंने (अमित शाह) कहा कि कई लोग कहते हैं कि अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा विशेष व्यवहार किया गया है।’

‘गृह मंत्री को कानून की जानकारी होती तो वह ऐसी टिप्पणी नहीं करते

सिब्बल ने कहा, “अमित शाह ने कहा कि ‘लोग कहते हैं’, उन्होंने यह बयान इसलिए दिया क्योंकि उन्हें उन लोगों पर भरोसा है। शाह को ‘लोग कहते हैं’ के पीछे नहीं छुपना चाहिए। गृह मंत्री को, जिन्हें कानून के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए थी। आज मैं उन्हें समझाऊंगा कि यदि किसी को 2-3 साल से ज्यादा की सजा होती है तो सजा पर स्टे मिलने पर वह नामांकन दाखिल कर सकता है और चुनाव भी लड़ सकता है।”

कपिल सिब्बल ने आगे कहा, “यदि किसी पर आरोप पत्र दाखिल हो रहा है तो भी वह चुनाव प्रचार कर सकता है और नामांकन भी दाखिल कर सकते है। बृजभूषण की तरह उन पर भी आरोप पत्र दाखिल है। आखिर वह अपने बेटे के लिए प्रचार कैसे कर रहे हैं? जिस पर आरोप हो, वह प्रचार नहीं कर सकता, क्यों? मेरा मानना ​​है कि गृह मंत्री को कानून की उतनी जानकारी नहीं है। यदि उन्हें इस बारे में पता होता तो वह इस तरह के बयान नहीं देते।’

अमित शाह ने एक इंटरव्यू में की थी ये टिप्पणी 

गौरतलब है कि अमित शाह ने एक इंटरव्यू था में कहा कि अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत का फैसला सुनाने वाले न्यायाधीशों को यह जांचना चाहिए कि क्या उनके आदेश का दुरुपयोग किया गया है। शाह ने कहा, “मेरा मानना ​​है कि यह सुप्रीम कोर्ट की स्पष्ट अवमानना ​​है। इसलिए अरविंद केजरीवाल कहना चाहते हैं कि यदि वह जीतते हैं, भले ही वह दोषी हों, तो सुप्रीम कोर्ट उन्हें जेल नहीं भेजेगा। अब फैसला सुनाने वाले जजों ने यह देखना चाहिए कि क्या उनके फैसले का गलत इस्तेमाल या दुरुपयोग किया जा रहा है।’

अमित शाह ने इसके साथ यह भी कहा कि कई लोगों को लगता है कि दिल्ली शराब घोटाले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला उन्हें विशेष उपचार मिलने जैसा है। शाह ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट को कानून की व्याख्या करने का पूरा अधिकार है, लेकिन मेरा मानना ​​है कि यह कोई नियमित फैसला नहीं है। इस देश में बहुत से लोग मानते हैं कि उन्हें विशेष उपचार दिया गया है।’

सुप्रीम कोर्ट ने 1 जून तक केजरीवाल को दी है अंतरिम जमानत

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने गत 10 मई को दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी थी। इस साल 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री ने तिहाड़ जेल में 50 से अधिक दिन बिताए थे।

अदालत के आदेश के अनुसार केजरीवाल को मिली जमानत एक जून तक लागू है और फिर उन्हें दो जून को जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करना होगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री चुनाव प्रचार में भाग ले सकते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के रूप में कार्यालय में उपस्थित नहीं हो सकते हैं।