Site icon hindi.revoi.in

कोरोना काल में कांवड़ यात्रा : सुप्रीम कोर्ट की उत्तर प्रदेश सरकार के साथ केंद्र को भी नोटिस, मांगा जवाब

Social Share

नई दिल्ली, 14 जुलाई। सर्वोच्च न्यायालय ने कोविड-19 संक्रमण के बीच उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा की अनुमति देने के निर्णय पर स्वत: संज्ञान लेते हुए बुधवार को उसके साथ ही केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी कर दी है।

जस्टिस रोहिंग्टन एस. नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले पर विचार करने का निर्णय लेते हुए केंद्र और यूपी सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। पीठ अब शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई करेगी।

जस्टिस नरीमन ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, ‘आज अखबार देखने पर हमें इस बात पर परेशानी हुई कि कोविड-19 संक्रमण के बीच उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को जारी रखने का निर्णय लिया है, वहीं पड़ोसी राज्य उत्तराखंड ने इस वर्ष कांवड़ यात्रा की इजाजत देने से इनकार कर दिया है। हम उस सम्मानित राज्य  की राय जानना चाहते हैं। लोगों को समझ में नहीं आ रहा कि क्या हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना की तीसरी लहर के बारे में आगाह करने के बावजूद ऐसा हो रहा है।’

उत्तराखंड सरकार रद कर चुकी है कांवड़ यात्रा

गौरतलब है कि यूपी के पड़ोसी राज्य उत्तराखंड की सरकार पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष की कांवड़ यात्रा पर भी रोक लगाने की गत छह जुलाई को ही घोषणा कर चुकी है। सरकार का कहना है कि कोरोना थमने का नाम नहीं ले रहा है, ऐसे में कांवड़ यात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती।  कांवड़ यात्रा 25 जुलाई से छह अगस्त के बीच प्रस्तावित है।

कांवड़ यात्रा में हर वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं और इसमें जगह-जगह भीड़ उमड़ती रहती है। दोनों राज्यों में कोरोना के मामले अब भी सामने आ रहे हैं, ऐसे में उत्तराखंड से कांवड़ यात्रा नहीं निकलेगी। राज्य सरकार ने गंगाजल लेने के लिए के लिए

उत्तराखंड में जबरन घुसने की कोशिश पर 14 दिन क्वारंटीन

उत्तराखंड सरकार ने यह आदेश भी जारी कर रखा है कि यदि कांवड़ियों के जबरन राज्य में प्रवेश करने की बात सामने आती है तो ऐसी स्थिति में आपदा व डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत ऐसे लोगों के खिलाफ न सिर्फ मुकदमा दर्ज किया जाएगा बल्कि उन्हें 14 दिनों के लिए क्वारंटीन भी किया जाएगा।

अनुमति लेकर टैंकर से ले जा सकते हैं गंगाजल

राज्य पुलिस प्रशासन ने गंगाजल को लेकर नई व्यवस्था भी बनाई है। इसके तहत किसी भी राज्य के स्थानीय लोग अगर सावन में हरिद्वार के गंगाजल द्वारा ही जल अभिषेक करना चाहते हैं तो वहां के थाने स्तर पर समिति बनाकर अनुमति लेकर एक टैंकर के जरिए हरिद्वार से गंगाजल ले जा सकते हैं। हालांकि, इसके लिए टैंकर का खर्च श्रद्धालुओं को खुद ही वहन करना होगा।

Exit mobile version