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कंगारू दिग्गज ग्रेग चैपल का मत – द्रविड़ ने ऑस्ट्रेलिया से सीख लेकर भारत में खिलाड़ियों का ठोस पूल तैयार किया

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सिडनी, 12 मई। गुजरे जमाने के ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज व पूर्व कंगारू कप्तान ग्रेग चैपल का मानना है कि पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सिस्टम से सीख लेकर भारत में ठोस घरेलू ढांचा तैयार किया है, जो देश की राष्ट्रीय टीम के लिए लगातार खिलाड़ी उपलब्ध करा रहा है। हालांकि इसके विपरीत ऑस्ट्रेलिया में अब ऐसे ढांचे की कमी महसूस की जा रही है।

72 वर्षीय चैपल ने क्रिकेट की एक ऑस्ट्रेलियाई वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में कहा कि युवा प्रतिभाओं की पहचान में भारत व इंग्लैंड, दोनों ने ऑस्ट्रेलिया को पीछे छोड़ दिया है और उन्हें सफल होने के लिए वे मंच भी मुहैया करा रहे हैं। चैपल ने कहा, ‘भारत ने सामूहिक रूप से अपने काम को अंजाम दिया और ऐसा इसलिए संभव हुआ क्योंकि राहुल द्रविड़ ने हमारे ढांचे से सीखा। उन्होंने देखा कि हम क्या कर रहे हैं और भारत में इसे दोहराया। फिर उनके पास हमसे कहीं ज्यादा मजबूत आधार (जनसंख्या) है।’

मौजूदा घरेलू ढांचे को लेकर ऑस्ट्रेलिया को दी चेतावनी

सर्वकालिक दिग्गज बल्लेबाजों में एक चैपल ने चेतावनी दी कि मौजूदा घरेलू ढांचे के कारण प्रतिभावान ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों को अपने करिअर में मुश्किल हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘इतिहास गवाह है कि हम युवा खिलाड़ियों को तैयार करने में सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट बोर्डों में एक थे और उन्हें व्यवस्था से जोड़कर रखते थे, लेकिन मुझे लगता है कि पिछले कुछ वर्षों में इसमें बदलाव आया है। मैंने युवा खिलाड़ियों का समूह देखा है, जिनमें बहुत प्रतिभा है। लेकिन उन्हें मौके नहीं मिल रहे, जो अस्वीकार्य है।’

पूर्व भारतीय कोच चैपल ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हम प्रतिभा खोज में सर्वश्रेष्ठ होने का अपना स्थान गंवा चुके हैं। मेरे ख्याल से अब इंग्लैंड और भारत हमसे बेहतर कर रहे हैं।’ गौरतलब है कि इस वर्ष की शुरुआत में कई अहम खिलाड़ियों के चोटिल होने के कारण भारत की दूसरे दर्जे की टीम ने ऑस्ट्रेलिया को उसकी सरजमीं पर हराकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम कर ली थी। चार मैचों की उस सीरीज में कप्तान विराट कोहली भी पितृत्व अवकाश के कारण एक ही मैच खेल पाए थे। बचे मैचों में अजिंक्य रहाणे ने कप्तानी संभाली थी और भारत को 2-1 से सीरीज दिलाई थी।

चैपल ने कहा कि कि भारत ने बेहद प्रभावी खिलाड़ी विकास प्रणाली दिखाई है और उसके युवा खिलाड़ियों के पास भी विस्तृत अंतरराष्ट्रीय अनुभव है, जिसका टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलियाई धरती पर काफी लाभ मिला।

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