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लोकसभा में पहली बार बोलीं कंगना रनौत, हिमाचल की विलुप्त होतीं लोक कलाओं को बढ़ावा देने की अपील

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नई दिल्ली, 25 जुलाई। हिमाचल प्रदेश के मंडी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की लोकसभा सांसद कंगना रनौत ने गुरुवार को संसद में अपना पहला भाषण दिया। दिलचस्प तो यह रहा कि बॉलीवुड अभिनेत्री से संसद का सफर तय करने वालीं कंगना ने पहले भाषण में अपनी ही सरकार (केंद्र) से संसदीय क्षेत्र के लोगों के हित में एक सवाल पूछा और हिमाचल प्रदेश के आदिवासी संगीत और विलुप्त होतीं लोक कलाओं को बढ़ावा देने की अपली की। उन्होंने खुद को बोलने का अवसर देने के लिए अध्यक्ष ओम बिरला को धन्यवाद भी दिया।

संसदीय क्षेत्र के लोगों के हित में अपनी ही सरकार से पूछा सवाल

अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए चर्चित कंगना ने कहा, ‘मंडी में कई ऐसी कलाएं हैं, जो विलुप्त होने के कगार पर हैं। हमारे हिमाचल प्रदेश में एक स्वदेशी निर्माण तकनीक है, जिसे काठ-कुणी कहते हैं, भेड़ की खाल से कई तरह के कपड़े बनाए जाते हैं, जैसे जैकेट, टोपी, शॉल, स्वेटर। भारत के बाहर के देशों में इन्हें मूल्यवान माना जाता है, लेकिन यहां ये विलुप्त हो रहे हैं। हमें इस पर बात करनी चाहिए कि इन्हें बढ़ावा देने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।’

उन्होंने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश के जनजातीय संगीत और लोक कला के संरक्षण के लिए उठाए गए कदमों के बारे में पूछा। उन्होंने आगे कहा, ‘मैं यह भी कहना चाहूंगी कि हिमाचल प्रदेश का लोक संगीत, खास तौर पर स्पीति, किन्नौर और भरमौर का आदिवासी संगीत और उनके लोक और कला रूप भी विलुप्त होने के कगार पर हैं। तो, हम उनके लिए क्या कर रहे हैं?’

हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट से कंगना को नोटिस जारी

इस बीच, बुधवार को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने कंगना रनौत को नोटिस जारी की। किन्नौर निवासी एक व्यक्ति ने कंगना के निर्वाचन को इस आधार पर रद करने की याचिका दायर की थी कि लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए उनके नामांकन पत्र को कथित रूप से गलत तरीके से खारिज कर दिया गया था।

न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल ने कंगना को 21 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। उन्होंने मंडी लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह को 74,755 मतों से हराया था। उन्हें 5,37,002 वोट मिले थे जबकि विक्रमादित्य को 4,62,267 वोट मिले थे।