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“कल खेल में हम हो ना हो…” सुप्रीम कोर्ट से रिटायरमेंट लेते हुए भावुक हुए जज जस्टिस शाह, सीजेआई को बताया Good Friend

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नई दिल्ली, 15 मई। बॉलीवुड के शोमैन कहे जाने वाले एक्टर राजकपूर की फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ का मशहूर गाना “कल खेल में हम हो ना हो, गर्दिश में तारें रहेंगे सदा…” कल सुप्रीम कोर्ट में गुंजा। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में जज जस्टिस एम. आर. शाह अपनी रिटायरमेंट के समय इतना भावुक हो गए कि उनका गला रुंध आया और कोर्ट में उन्होंने राजकपूर का मशहूर गाना “कल खेल में हम हो ना हो, गर्दिश में तारें रहेंगे सदा…” गाकर विदाई ली।

इसी के साथ सोमवार को वो सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हो गए। जस्टिस एमआर शाह सोमवार को परंपरा के मुताबिक, सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़ के साथ बेंच में बैठे थे। आपको बता दें कि जस्टिस शाह का नाम सुप्रीम कोर्ट में सबसे ज्यादा फैसले देने वाले जजों में शामिल है। उन्होंने अपने करीब चार साल के इस करियर में करीब 712 फैसले सुनाए जिनमें से शिवसेना विवाद और दिल्ली सरकार बनाम एलजी मामलों का अहम फैसला शामिल है।

वहीं, इस अवसर पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने जस्टिस शाह को एक अच्छा मित्र बताया। साथ ही उन्हें कॉलेजियम के एक अच्छे और उच्च सहयोगी बताया। जस्टिय शाह ने अपने भावुक स्वभाव के लिए क्षमा मांगते हुए कहा कि अगर मैं भावुक हो जाता हूं और रोना शुरू कर देता हूं, क्‍योंकि मैं नारियल की तरह हूं उपर से सख्त और अंदर से नरम। आप सभी ने मुझे परिवार के सदस्य के रूप में स्वीकार किया और मुझे पूरा समर्थन दिया। CJI ने मुझे एक भाई के रूप में प्रोत्साहित किया है और मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है।

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