काबुल, 13 अक्टूबर। पाकिस्तान के साथ जारी जबर्दस्त तनातनी के बीच अफगानिस्तान ने पड़ोसियों को करारा झटका दिया है। इस क्रम में इस्लामाबाद द्वारा काबुल में चलाए जा रहे शांति प्रयासों को करारा जवाब देते हुए पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, ISI प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मलिक और दो अन्य वरिष्ठ पाकिस्तानी जनरलों के वीजा आवेदनों को खारिज कर दिया गया है।
अफगानिस्तान के प्रमुख समाचार चैनल टोलो न्यूज के सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि पिछले तीन दिनों में इन अधिकारियों ने अफगानिस्तान दौरे के लिए वीजा की मांग की थी, लेकिन काबुल ने साफ इनकार कर दिया।
अफगानिस्तान का दावा – झड़पों में 58 पाक सैनिको को मार गिराया
गौरतलब है कि विगत दिनों में सीमा पर दोनों ओर से भारी गोलीबारी हुई है, जिसमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर हमले का आरोप लगाया है। शनिवार की रात अफगान सेना ने पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर हमले किए, जिससे सीमा पर भारी झड़पें शुरू हो गई। अफगान अधिकारियों के अनुसार पाकिस्तानी सेना की ओर से सीमा उल्लंघन के जवाब में अफगान बलों ने काररवाई की, जिसमें 58 पाकिस्तानी ढेर कर दिए गए।
पाकिस्तानी सेना का दावा – 200 से ज्यादा तालिबान आतंकी मारे गए
वहीं, पाकिस्तानी सेना ने आंकड़ों को कम बताते हुए दावा किया कि सीमा पर की गई जवाबी फायरिंग में उसके 23 जवान मारे गए हैं जबकि 200 से ज्यादा तालिबान से जुड़े ‘आतंकवादियों’ को मार गिराया गया। सऊदी अरब सहित कई देशों ने दोनों पक्षों से धैर्य रखने और तनाव कम करने की अपील की है।
डूरंड लाइन सीमा पर रविवार के बाद से गोलीबारी की कोई खबर नहीं
अधिकारियों के अनुसार डूरंड लाइन के नाम से मशहूर 2611 किलोमीटर लंबी सीमा पर रविवार के बाद से कोई गोलीबारी की खबर नहीं आई है। अफगानिस्तान ने इस सीमा को कभी स्वीकार नहीं किया। कब सीमा फिर से खोली जाएगी, यह अभी तय नहीं है। सरकारी अधिकारी इम्तियाज अली ने बताया कि दक्षिण-पश्चिमी चमन बॉर्डर क्रॉसिंग व्यापार के लिए बंद तो है, लेकिन रविवार से वहां फंसे करीब 1500 अफगान नागरिकों को पैदल लौटने की इजाजत दे दी गई है।

