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IMC 2025 में बोले ज्योतिरादित्य सिंधिया – सेमीकंडक्टर भारत का नया ‘चरखा’

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नई दिल्ली, 8 अक्टूबर। केंद्रीय संचार एवं उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज यहां इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2025 के उद्घाटन सज्ञत्र में कहा कि सेमीकंडक्टर भविष्य में भारत के लिए उसी तरह का प्रतीक होंगे, जैसा आजादी की लड़ाई में ‘चरखा’ था। उन्होंने इसे आधुनिक युग में भारत के आत्मनिर्भर बनने की यात्रा का प्रतीक बताया।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आज सेमीकंडक्टर वही भावना दर्शाते हैं, जो पहले चरखा दर्शाता था – स्वदेशी और आत्मनिर्भरता। उन्होंने कहा, ‘भारत एक स्टार्टअप वर्ल्ड कप की मेजबानी कर रहा है, जिसमें 500 कम्पनियां फंडिंग के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगी। देश डिजाइन इन इंडिया, सॉल्व फॉर इंडिया और स्केल फ्रॉम इंडिया की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।’

पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत एक नई तकनीकी क्रांति की ओर अग्रसर

सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक नई तकनीकी क्रांति की ओर अग्रसर है, जिसे उन्होंने ‘4D सिस्टम’ – लोकतंत्र (Democracy), जनसांख्यिकी (Demography), डिजिटल-फर्स्ट अप्रोच (Digital-first approach), और डिलीवरी (Delivery) — के रूप में परिभाषित किया।

उन्होंने बताया कि प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के तहत भारत में सेमीकंडक्टर उत्पादन पहले ही ₹91,000 करोड़ तक पहुँच चुका है, जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

भारत 6G एलायंस के माध्यम से वैश्विक पेटेंट का 10 प्रतिशत योगदान देने की योजना बना रहा

सिंधिया ने कहा, ‘भारत की महत्वाकांक्षा केवल 5G तक सीमित नहीं है बल्कि भारत 6G एलायंस के माध्यम से वैश्विक पेटेंट का 10 प्रतिशत योगदान देने की योजना बना रहा है।’ उन्होंने यह भी बताया कि भारत का टेलीकॉम और डिजिटल विकास दुनिया के लिए उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है, जिसमें 5G कनेक्टिविटी देश के 99.9% जिलों तक पहुंच चुकी है और डेटा की कीमत दुनिया में सबसे कम (मात्र 9.11 रुपए प्रति GB)  है।

भारत में आज 1.2 अरब मोबाइल ग्राहक, जो विश्व की मोबाइल आबादी का 20%

उन्होंने कहा कि आज भारत में 1.2 अरब मोबाइल ग्राहक हैं, जो विश्व की मोबाइल आबादी का 20% हैं। देश के ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ता 60 मिलियन से बढ़कर 944 मिलियन इंटरनेट ग्राहकों तक पहुंच चुके हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत केवल तकनीक को अपना नहीं रहा बल्कि नवाचार, किफायती सेवाओं और समावेशिता के जरिए वैश्विक डिजिटल परिवर्तन का नेतृत्व भी कर रहा है।

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