ईटानगर, 12 अप्रैल। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को यहां एक समारोह में देश के पहले ‘मेड इन इंडिया’ वाणिज्यिक विमान की पूर्वोत्तर राज्यों में उड़ान का शुभारंभ किया। यह उड़ान अरुणाचल प्रदेश के दूरदराज के कस्बों तक हवाई संपर्क प्रदान करेगी। इससे देश के बाकी हिस्सों के साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र में हवाई संपर्क को और बढ़ावा मिलेगा।
दरअसल, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों में हवाई संपर्क को बढ़ावा देने और जरूरत पड़ने पर हवाई संपर्क के लिए बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए योजना को मंजूरी दी है। पहली बार ‘मेड इन इंडिया’ 17 सीटर डोर्नियर विमान के जरिए अरुणाचल प्रदेश के दूरदराज के इलाके के पांच कस्बों को असम के डिब्रूगढ़ से जोड़ा जाएगा।
This will connect the airstrips of Arunachal Pradesh with Assam, and soon with other regions. Indeed, a new chapter in India’s “Look East” policy!
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) April 12, 2022
इस योजना के एक हिस्से के रूप में आज दो महत्वपूर्ण चरणों की शुरुआत हुई।। हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की उड़ान के तहत मेड इन इंडिया डोर्नियर 228 ने असम के डिब्रूगढ़ से अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट के लिए उड़ान भरी। इसका संचालन एलायंस एयर कर रही है। यह भारत की पहली वाणिज्यिक एयरलाइन है, जो नागरिक संचालन के लिए भारत में निर्मित विमान उड़ाएगी। साथ ही असम के लीलाबारी में उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लिए पहले एफटीओ (उड़ान प्रशिक्षण संगठन) का उद्घाटन किया गया। इन कार्यक्रमों में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू भी मौजूद रहे।
Overwhelmed by the thunderous welcome at Pasighat! Adorned in the magnificent traditional attire – the Galuk, Dudap & Eyok. Thank you, Arunachal Pradesh & CM @PemaKhanduBJP Ji! pic.twitter.com/shZJWE0x4w
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) April 12, 2022
एचएएल के सूत्रों के अनुसार, एसी केबिन के साथ 17-सीटर नॉन-प्रेशराइज्ड डोर्नियर 228 का दिन और रात में संचालन किया जा सकता है। यह हल्का परिवहन विमान है, जो पूर्वोत्तर के राज्यों में क्षेत्रीय संपर्क की सुविधा प्रदान करेगा।
इन दोनों विमानों को पिछले गुरुवार को एलायंस एयर को सौंप दिया गया था और एक को डिब्रूगढ़ हवाई अड्डे पर स्थानांतरित कर दिया गया था, जो एलायंस एयर का सबसे नया केंद्र है। इन विमानों का इस्तेमाल पूर्वी अरुणाचल प्रदेश के सुदूर इलाकों में हवाई संपर्क मुहैया कराने के लिए किया जाएगा, जिसमें चीन और म्यांमार सीमा के करीब के कुछ इलाके भी शामिल हैं।
एक अधिकारी ने कहा कि भारतीय वायु सेना द्वारा बनाए गए एडवांस लैंडिंग ग्राउंड का इस्तेमाल लैंडिंग के लिए किया जाएगा। एलायंस एयर के विमान शुरुआत में डिब्रूगढ़ से पासीघाट के लिए और अगले 15 से 20 दिनों में यह अरुणाचल प्रदेश के तेजू और जीरो के लिए उड़ान भरेंगे। यह सब पहले चरण में होगा।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि दूसरे चरण में विजयनगर, मेचुका, अलोंग और अन्य स्थानों को जोड़ा जाएगा। फिलहाल पूर्वी अरुणाचल प्रदेश के इन सभी स्थानों को असम के डिब्रूगढ़ और लीलाबारी के निकटतम हवाई अड्डों तक पहुंचने के लिए एक से पांच दिनों की यात्रा करने की जरूरत होती है।
उत्तर पूर्वी क्षेत्र (एनईआर) का विकास न केवल सामरिक महत्व रखता है बल्कि भारत की विकास की कहानी का भी एक हिस्सा है। उत्तर पूर्वी क्षेत्र में कनेक्टिविटी बहुत आवश्यक है और क्षेत्रीय संपर्क योजना ‘उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान)’ के तहत नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने पूर्वोत्तर को प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रूप में पहचाना है. इससे पूर्वोत्तर में कनेक्टिविटी बढ़ाने में मदद मिली है।