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न्यायमूर्ति सूर्यकांत बने 53वें प्रधान न्यायाधीश, राष्ट्रपति मुर्मू ने दिलाई शपथ, पीएम मोदी रहे मौजूद

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नई दिल्ली, 24 नवंबर। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने सोमवार को भारत के 53वें प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में एक संक्षिप्त समारोह में न्यायमूर्ति सूर्यकांत को शपथ दिलाई। उन्होंने हिंदी में शपथ ली। न्यायमूर्ति सूर्यकांत को न्यायमूर्ति बी आर गवई के स्थान पर न्यायपालिका के सर्वोच्च पद पर नियुक्त किया गया है।

न्यायमूर्ति गवई रविवार को सेवानिवृत्त हो गए। न्यायमूर्ति सूर्यकांत को 30 अक्टूबर को अगला प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किया गया था और वह लगभग 15 महीने तक इस पद पर रहेंगे। वह नौ फरवरी 2027 को 65 वर्ष की उम्र होने पर यह पद छोड़ देंगे। उपराष्ट्रपति सी पी राधाकृष्णन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत कई वरिष्ठ नेता इस समारोह में शामिल हुए।

जस्टिस सूर्यकांत के पास कितनी है संपत्ति?

आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक, देश के नए चीफ जस्टिस सूर्यकांत के पास खुद का कोई वाहन नहीं है, लेकिन उनकी पत्नी के पास वैगनआर है। उनके पास पूरे भारत में छह आवासीय संपत्तियां और दो भूखंड हैं। उनकी संपत्ति में चंडीगढ़ के सेक्टर 10 में एक कनाल का घर और न्यू चंडीगढ़ के इको सिटी- II में 500 वर्ग गज का प्लॉट शामिल है। उनके पास चंडीगढ़ के सेक्टर 18-सी में 192 वर्ग गज का घर और पंचकुला के गोलपुरा गांव में 13.5 एकड़ कृषि भूमि भी है।

जस्टिस सूर्यकांत के पास गुरुग्राम के सुशांत लोक-I में 300 वर्ग गज का प्लॉट, DLF-II में 250 वर्ग गज का घर और ग्रेटर कैलाश-I, नई दिल्ली में 285 वर्ग गज की संपत्ति में ग्राउंड फ्लोर और बेसमेंट भी है। अपने गृहनगर हिसार में, उनके पास पेटरवार में 12 एकड़ कृषि भूमि और पेटरवार और हिसार अर्बन एस्टेट- II दोनों में पैतृक घरों में एक तिहाई हिस्सा है।

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