नई दिल्ली, 17 नवंबर। उच्चतम न्यायालय ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन को लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच की निगरानी के लिए नियुक्त किया है। गत तीन अक्टूबर को भाजपा नेताओं और किसानों के बीच हुई हिंसक झड़प में चार किसानों और एक पत्रकार सहित नौ लोगों की मृत्यु हुई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने जांच-पड़ताल के लिए एसआईटी भी पुनर्गठित की
भारत के प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमना और न्यायमूर्ति सूर्यकांत तथा न्यायमूर्ति हिमा कोहली की खंडपीठ ने बुधवार को न्यायमूर्ति जैन के नेतृत्व वाले आयोग को निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। शीर्ष न्यायालय ने इस घटना की जांच-पड़ताल के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का पुनर्गठन भी कर दिया है। अब उत्तर प्रदेश पुलिस की वर्तमान महानिरीक्षक पद्मजा चौहान भी एसआईटी का हिस्सा होंगी।
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी घटना के बारे में एफआईआर दर्ज करने के लिए भेजे गए पत्रों के आधार पर एक याचिका पंजीकृत की गई थी, जिसमें शीर्ष न्यायालय से घटना के दोषियों के खिलाफ काररवाई किए जाने का आग्रह किया गया था।
लखीमपुर खीरी घटना में उत्तर प्रदेश में कृषि संबंधी कानून के खिलाफ किसानों के विरोध-प्रदर्शन के दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र अशीष मिश्र के चार पहिया वाहन से कई किसान कुचले गए थे। इस दौरान चार किसानों की मौत के बाद भड़की हिंसा में एक पत्रकार सहित पांच अन्य लोगों की मृत्यु हुई थी।