Site icon hindi.revoi.in

न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची ने ली सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पद की शपथ, 2031 में बन सकते हैं सीजेआई

Social Share
FacebookXLinkedinInstagramTelegramWhatsapp

नई दिल्ली, 17 मार्च। न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश पद की शपथ ली। शीर्ष अदालत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने अन्य सभी न्यायाधीशों की मौजूदगी में उन्हें शपथ दिलाई। उच्चतम न्यायालय परिसर में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में वहां के अन्य न्यायाधीशों के अलावा अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे‌। न्यायमूर्ति बागची के शपथ ग्रहण के साथ ही शीर्ष अदालत के लिए स्वीकृत 34 न्यायाधीशों की संख्या के मुकाबले न्यायाधीशों की संख्या 33 हो गई।

न्यायमूर्ति बागची दो अक्टूबर 2031 को सेवानिवृत्त होंगे, उससे पहले वह मई (2031) में भारत के मुख्य न्यायाधीश बन सकते हैं। न्यायमूर्ति खन्ना के नेतृत्व वाले न्यायमूर्ति भूषण आर गवई, न्यायमूर्ति, न्यायमूर्ति सूर्य कांत, न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ के कॉलेजियम ने छह मार्च को न्यायमूर्ति बागची को पदोन्नति कर उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश पद पर नियुक्ति की सिफारिश की थी।

कॉलेजियम ने नियुक्ति की सिफारिश के लिए मूल्यांकन करते समय न्यायाधीश पद के संभावित उम्मीदवारों की योग्यता, ईमानदारी और न्यायिक क्षमता के अलावा क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व और वरिष्ठता आदि पहलुओं पर भी विचार किया। न्यायमूर्ति बागची को बतौर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, कानून के विविध क्षेत्रों में 13 वर्षों का व्यापक अनुभव प्राप्त है। उन्हें जून 2011 में कलकत्ता उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया।

जनवरी 2021 में उन्हें आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय स्थानांतरित कर दिया गया और फिर नवंबर 2021 में उन्हें कलकत्ता उच्च न्यायालय में वापस भेज दिया गया। केंद्र सरकार ने 10 मार्च को न्यायमूर्ति बागची के उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश पद पर नियुक्ति की घोषणा की थी। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग की ओर से 10 मार्च को एक अधिसूचना जारी कर कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति बागची की पदोन्नति संबंधी घोषणा की।

Exit mobile version