नई दिल्ली, 9 नवंबर। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश धनंजय वाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को (9 नवंबर) मुख्य न्यायाधीश (CJI) पद की शपथ ले ली। राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के 50वें सीजेआई के तौर पर जस्टिस चंद्रचूड़ को पद की शपथ दिलाई।
जस्टिस चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट के पवित्र गलियारों से बेहद अच्छी तरह वाकिफ हैं, जहां उनके पिता लगभग सात साल और चार महीने तक मुख्य न्यायाधीश रहे थे, जो शीर्ष अदालत के इतिहास में किसी सीजेआई का सबसे लंबा कार्यकाल रहा है। वह 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक मुख्य न्यायाधीश रहे। चलिए अब आपको जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ के बारे में कुछ खास बाते बताते हैं।
- मेरे ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारियां हैं’
भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश बनने जा रहे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को कहा कि जस्टिस यूयू ललित के उत्तराधिकारी के रूप में उनके कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारियां हैं और उन्हें उम्मीद है कि जो ‘अच्छे काम’ शुरू किए वे उनको जारी रखेंगे। जस्टिस चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट बार जस्टिस यू.यू. ललित के लिए आयोजित विदाई समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि 49वें सीजेआई ने उल्लेखनीय नेतृत्व किया और वह अपने कार्यकाल के दौरान न्याय तक पहुंच बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्ध रहे।