कोलकाता, 11 अक्टूबर। पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में अपनी सहकर्मी से दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या किए जाने की घटना के विरोध में कनिष्ठ चिकित्सकों का शुक्रवार को छठे दिन भी आमरण अनशन जारी है जबकि तबीयत बिगड़ने के बाद कल अस्पताल में भर्ती कराये गए एक अनशनकारी की हालत गंभीर है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि आरजी. कर मामले के विरोध में लगातार रविवार से आमरण अनशन के कारण चिकित्सक अनिकेत महतो की तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद उन्हें बृहस्पतिवार रात आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया था। महतो की हालत अब भी ‘गंभीर’ बनी हुई है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि महतो के इलाज की निगरानी के लिए पांच-सदस्यीय मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है।
अस्पताल की सीसीयू प्रभारी डॉ. (प्रो.) सोमा मुखोपाध्याय ने बताया, ‘‘उन्हें बेहोशी की हालत में अस्पताल लाया गया। उनकी हालत गंभीर है। उन्होंने पिछले कुछ दिनों से पानी तक नहीं पिया है, इसलिए उन्हें ऑक्सीजन और अन्य आवश्यक इलाज दिया गया है। उनकी हालत काफी अस्थिर है। हमें उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में उनकी हालत में सुधार होगा। हमने पांच सदस्यों की एक टीम बनाई है।’’
मध्य कोलकाता के एस्प्लेनेड इलाके में धरना स्थल पर मौजूद एक अन्य कनिष्ठ चिकित्सक देबाशीष हलदर ने बताया कि आमरण अनशन पर बैठे अन्य छह चिकित्सकों की तबीयत भी बिगड़ने लगी है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने सभी आवश्यक चिकित्सा सहायता जैसे आईसीयू एम्बुलेंस और अन्य को यहां तैयार रखा है, ताकि अगर किसी को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़े तो हम तुरंत प्रबंध कर सकें।’’
हलदर ने कहा कि जब तक राज्य सरकार उनकी मांगों पर पूरी तरह ध्यान नहीं देती तब तक उनका अनशन जारी रहेगा। एक अन्य स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि अनशन कर रहे उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के दो अन्य कनिष्ठ चिकित्सकों की हालत भी बिगड़ गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘परिस्थिति चाहे कैसी भी हो हम अपनी भूख हड़ताल वापस नहीं लेंगे… और जो लोग अनशन कर रहे हैं वे भी इसे समाप्त करने के लिए तैयार नहीं हैं। आज कुछ और लोग भी आमरण अनशन में शामिल हो सकते हैं, लेकिन मैं आपको बता दूं कि उनके साथ जो भी होगा, उसके लिए पूरी तरह से राज्य सरकार जिम्मेदार होगी।’’
कनिष्ठ चिकित्सकों के स्वास्थ्य के लिए चिंतित वरिष्ठ चिकित्सकों ने उनसे भूख हड़ताल वापस लेने की अपील की है। पश्चिम बंगाल के चिकित्सकों के संयुक्त मंच के संयुक्त संयोजकों में से एक डॉ. हीरालाल कोनार ने कहा, ‘‘ये युवा चिकित्सक हमारा भविष्य हैं। राज्य सरकार इतनी असंवेदनशील कैसे हो सकती है? इससे पहले कि स्थिति हाथ से निकल जाएं उन्हें तेजी से काम करना चाहिए।’’ प्रदर्शनकारी चिकित्सक आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की महिला चिकित्सक के परिजनों को न्याय दिलाने और स्वास्थ्य सचिव एन.एस. निगम को तत्काल हटाने की मांग कर रहे हैं।