नई दिल्ली, 9 अगस्त। केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन अधिनियम बिल 2024 के लिए आज संयुक्त संसदीय समिति (JPC) गठित कर दी। इस समिति में AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी सहित लोकसभा से 21 सदस्य और राज्यसभा से 10 यानी कुल 31 सदस्यों को शामिल किया गया है। यह समिति अब वक्फ बिल पर मंथन करेगी और अगले संसद सत्र के पहले हफ्ते के आखिरी दिन तक सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
लोकसभा के इन 21 सांसदों को जगह
जेपीसी में जिन लोकसभा सदस्यों को शामिल किया गया है, उनमें जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे, अरुण भारती, तेजस्वी सूर्या, दिलीप सैकिया, गौरव गोगोई, इमरान मसूद, कृष्ण देवरयालु, मोहम्मद जावेद, कल्याण बनर्जी, ए राजा, दिलेश्वर कामैत, अरविंद सावंत, नरेश मस्के और असदुद्दीन ओवैसी शामिल हैं।
राज्यसभा के 10 सदस्य जेपीसी में शामिल
वहीं राज्यसभा सांसदों में डॉ. मेधा कुलकर्णी, मोहम्मद नदीम हक, गुलाम अली, डॉ राधा मोहन अग्रवाल, नासिर हुसैन, विजय साई रेड्डी, एम मोहम्मद अब्दुल्ला, संजय सिंह और डॉ. वीरेंद्र हेज जेपीसी के सदस्य होंगे।
लोकसभा में बिल प्रस्तुत किए जाने पर विपक्ष ने किया था हंगामा
गौरतलब है कि गुरुवार को सरकार ने इस बिल को लोकसभा में पेश किया था। अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने जैसे ही बिल को सदन के पटल पर रखा, विपक्षी दल के नेताओं ने खूब हंगामा किया। साथ ही इस विधेयक को लेकर भारतीय जनता पार्टी के कुछ सहयोगियों ने भी सुझाव दिए थे। कांग्रेस के साथ-साथ विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के दलों ने भी इस बिल को मुसलमान विरोधी बताया था और हंगामा किया था। इसके बाद सरकार ने इसे चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति को भेजने का फैसला किया था।
शीतकालीन सत्र में बिल के पेश होने की संभावना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी बिल को संयुक्त संसदीय समिति के पास में भेजा गया है। अब सरकार इस बिल को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश कर सकती है। ऐसा इसलिए है कि उस समय तक भाजपा की ताकत राज्यसभा में काफी बढ़ जाएगी। ऐसे में सरकार को बिल पास कराने में किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।