नई दिल्ली, 2 नवंबर। देशभर के मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए आयोजित राषट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) 2021 के संयुक्त टॉपरों में एक हैदराबादी मृणाल कुट्टेरी का कहना है कि वह स्कूल के शुरुआती दिनों में इंजीनियर बनने की इच्छा रखते थे,लेकिन समय आगे बढ़ने के साथ उनका ध्यान डॉक्टर बनने पर केंद्रित हो गया।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय के गत 28 अक्टूबर के आदेश के उपरांत राष्ट्रीय परीक्षा एंजेंसी (एनटीए) ने सोमवार को देर शाम नीट के परिणाम घोषित किए और खास बात यह रही कि पहले तीनों स्थानों पर रहे प्रतियोगियों ने पूरे 720 अंक हासिल किए। मृणाल के साथ 100 पर्सेंटाइल हासिल करने वाले दो अन्य विद्यार्थी दिल्ली के तन्मय गुप्त और मुंबई की कार्तिका जी. नायर रहीं। कार्तिका लड़कियों के वर्ग में पहले स्थान पर रहीं।
मृणाल का कहना था कि अपने स्कूल के शुरुआती दिनों में वह इंजीनियर बनना चाहते थे। फिर दोस्तों के साथ वीडियो गेम खेलने लगे और वीडियो गेम खेलते हुए ही उन्होंने भारतीय सेना में भर्ती होने का इरादा किया। उन्होंने कहा, ‘मैं सेना में डॉक्टर बनना चाहता था, लेकिन धीरे-धीरे मेरा ध्यान डॉक्टर बनने पर केंद्रित होता गया। अंत में मेरा उद्देश्य केवल और केवल डॉक्टर बनना रह गया।’
परीक्षा में अव्वल आने का कोई खास नुस्खा नहीं
मृणाल बताते हैं कि पढ़ाई के लिए उनका कोई निश्चित टाइम टेबल नहीं था। वह बहुत लंबे-लंबे सत्रों में भी पढ़ाई नहीं करते थे। कभी 45 मिनट तो कभी एक घंटा पढ़ाई कर कर ब्रेक लेते थे। मृणाल ने नीट एवं अन्य परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को सलाह देते हुए कहा कि परीक्षा में अव्वल आने का कोई खास नुस्खा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘एक चीज मैंने महसूस की है कि आपको इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि कौन सा तरीका आपके मुताबिक काम कर रहा है। पढ़ने और सीखने के नए-नए तरीकों को एक्सप्लोर करते रहना चाहिए।’
तन्मय बोले – लगातार थोड़े-थोड़े पढ़ते रहना जरूरी
मूलतः जम्मू के रहने वाले तन्मय ने कहा, ‘यह दो वर्ष की लंबी पढ़ाई है। बोर्ड परीक्षाओं और नीट को एक साथ आगे लेकर चलना है। एक बार जब दोनों में तालमेल बैठा लिया तो यह प्रक्रिया आसान हो गई। एक दिन में ज्यादा पढ़ने से कुछ नहीं होगा बल्कि लगातार थोड़ा-थोड़ा पढ़ते रहना है। यह दो वर्षों का लंबा सफर है। ज्यादा दबाव लेने पर शुरुआत में ही थक गए तो फिर दो साल लंबी पढ़ाई में मुश्किलें आ सकती हैं।’
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