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CBI कोर्ट ने गैंगस्टर आनंदपाल का एनकाउंटर फर्जी करार दिया, पुलिसकर्मियों पर 302 का मुकदमा चलाने का आदेश

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जयपुर, 24 जुलाई। जोधपुर की सीबीआई अदालत ने राजस्थान के गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के सात वर्ष पुराने एनकाउंटर केस में बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने बुधवार को आनंदपाल के एनकाउंटर को फर्जी करार देते हुए पुलिस के कई अधिकारियों को 302 का अभियुक्त बना दिया, जिन पर अब हत्या का केस चलेगा। सीबीआई कोर्ट का यह फैसला राजस्थान पुलिस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान में चुरू पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने 24 जून, 2017 को गैगस्टर आनंदपाल का एनकाउंटर कर दिया था। इस मामले की सुनवाई तभी से जोधपुर की सीबीआई कोर्ट में चल रही थी। बुधवार को अदालत ने फैसला सुनाया और उस एनकाउंटर में शामिल पुलिस वालों पर हत्या का मुकदमा चलाने का आदेश दिया।

इन पुलिसकर्मियों पर चलेगा मुकदमा

अब चुरू के तत्कालीन एसपी राहुल बारहट और एडिशनल एसपी विद्या प्रकाश चौधरी, डीएसपी सूर्यवीर सिंह राठौड़ के साथ हेड कांस्टेबल कैलाश पर हत्या यानी धारा 302 के तहत मुकदमा चलेगा। हालांकि कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट भी नहीं एक्सेप्ट की है। लेकिन एनकाउंटर में शामिल पुलिसकर्मियों को मुश्किलें ज़रूर बढ़ा दी हैं।

आनंदपाल की पत्नी और परिजनों ने किया था केस

आनंदपाल के एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए उसकी पत्नी और परिजनों मे कोर्ट में चैलेंज किया था जबकि सीबीआई ने एनकाउंटर को असली बताते हुए क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। इस मामले में वकील भंवर सिंह ने कहा, ‘हमने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पढ़ी है। रिपोर्ट साफ तौर पर यह बता रही है कि आनंदपाल को एकदम नजदीक से गोली मारी गई थी। पुलिस ने आनंदपाल को पहले गिरफ्तार कर उसे टार्चर किया था।’

हत्या, लूट और गैंगवार के लगभग 24 मामले आनंदपाल पर दर्ज थे

गौरतलब है कि नागौर की लाडूनं तहसील के एक गांव का रहने वाला आनंदपाल अपराध की दुनिया में आने के बाद लिकर किंग बनना चाहता था, जिसके चलते वह एक के बाद एक अपराध करता गया। आनंदपाल सिंह के ऊपर हत्या, लूट और गैंगवार के तकरीबन 24 मामले दर्ज थे। यहां तक कि बीकानेर जेल में भी वह गैंगवार में शामिल था। कहा तो यह भी जाता है कि जरायम की दुनिया में आने के बाद वह दाउद का फैन हो गया था।

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