लखनऊ, 28 जुलाई। उत्तर प्रदेश सरकार ने अब 50 वर्ष की उम्र पार कर चुके अकर्मण्य कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट देने की पूरी तैयारी कर ली है और 31 जुलाई तक इस बाबत अंतिम फैसला करने को कहा गया है। इस क्रम में 15 अगस्त तक स्क्रीनिंग कमेटी को फैसला करके कार्मिक विभाग को सूचना देनी होगी। विभागाध्यक्षों को इस संबंध में निर्देश भी दे दिए गए हैं।
31 मार्च को 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके कर्मचारियों के नामों पर विचार होगा
प्राप्त जानकारी के अनुसार स्क्रीनिंग कमेटी 31 मार्च, 2022 को 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके कर्मचारियों के नामों पर विचार करेगी। यह आयु पूरी करने वाले किसी सरकारी सेवक के मामले में स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष प्रस्ताव रखकर यदि उसे सेवा में बनाए रखने का फैसला एक बार कर लिया जाता है, तो स्क्रीनिंग कमेटी के सामने उसके नाम को फिर से रखने की जरूरत नहीं है।
नियुक्ति प्राधिकारी के समक्ष ऐसे कर्मी के मामलों में यदि कोई महत्वपूर्ण तथ्य आता है तो किसी भी समय उसे जनहित में अनिवार्य सेवानिवृत्त करने का फैसला किया जा सकेगा या फिर मामला अनुवर्ती स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष रखने का फैसला हो सकता है।
पूरी निष्ठा से कार्यरत कर्मचारी इस फैसले से बिल्कुल प्रभावित नहीं होंगे
बताया जा रहा है कि सरकार के इस आदेश से वे कर्मचारी बिल्कुल प्रभावित नहीं होंगे, जो जिस पद पर हैं और उसके लिए उपयोगी हैं। जिनका प्रदर्शन बेहतर है और जो अपने काम को पूरी निष्ठा से कर रहे हैं। जिन कर्मचारियों पर कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं और जिस कर्मचारी पर कोई जांच न हो रही हो, ऐसे कर्मचारी समय पर ही रिटायर होंगे। किसी कर्मचारी को रिटायर करने से पहले स्क्रीनिंग कमेटी इन सभी पहलुओं पर गहनता से विचार करके निर्णय लेगी।

