नई दिल्ली, 4 फरवरी। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलपति एम. जगदीश कुमार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। शिक्षा मंत्रालय के अधीन उच्चशिक्षा विभाग की संयुक्त सचिव कामिनी चौहान रतन के हस्ताक्षर से शुक्रवार को इस आशय का आदेश जारी किया गया।
प्रोफेसर डी.पी. सिंह का कार्यकाल दिसंबर के पहले हफ्ते में खत्म हो गया था
गौरतलब है कि यूजीसी के अध्यक्ष का पद बीते दो माह से खाली था। यूजीसी के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर डी.पी. सिंह का कार्यकाल पिछले वर्ष दिसंबर के पहले हफ्ते में खत्म हो गया था। 65 वर्ष की आयु हो जाने पर प्रोफेसर सिंह ने यूजीसी अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने 2018 में यूजीसी अध्यक्ष का कार्यभार संभाला था।
JNU VC Prof. Jagadesh Kumar appointed as the UGC Chairman. pic.twitter.com/2wvcHK1XC4
— All India Radio News (@airnewsalerts) February 4, 2022
जेएनयू के कुलपति पद पर अभी किसी की नियुक्ति नहीं
शिक्षा मंत्रालय की खोज और चयन समिति ने यूजीसी अध्यक्ष पद के लिए जगदीश कुमार के अलावा पुणे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर नितिन आर कर्मलकर, और अंतर-विश्वविद्यालय त्वरक केंद्र (आईयूएसी) के निदेशक प्रोफेसर अविनाश चंद्र पांडे के नामों पर भी विचार किया था। मंत्रालय ने अब तक जेएनयू में जगदीश कुमार के उत्तराधिकारी की नियुक्ति नहीं की है। इसी क्रम में उच्च शिक्षा नियामक के उपाध्यक्ष का पद भी खाली है।
विवादों से घिरा रहा जेएनयू कुलपति पद पर जगदीश कुमार का कार्यकाल
गौरतलब है कि जेएनयू के कुलपति पद पर रहते हुए जगदीश कुमार का कार्यकाल विवादों से घिरा रहा। खासकर जेएनयू परिसर में छात्रों के एक वर्ग को लेकर उपजी अशांति के चलते उन्हें विवादों का सामना करना पड़ा था। जनवरी, 2016 में जेएनयू के वीसी के रूप में पदभार संभालने जगदीश कुमार का पांच वर्षों का कार्यकाल गत 26 जनवरी को समाप्त हो गया था, लेकिन शिक्षा मंत्रालय ने उन्हें उत्तराधिकारी मिलने तक इस पद पर बने रहने की अनुमति दी।
कुमार ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मद्रास से एमएस (ईई) और पीएचडी (ईई) की डिग्री प्राप्त की थी। वह जुलाई, 1994 से दिसंबर, 1995 के बीच भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर में इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग में एक अतिथि संकाय और सहायक प्रोफेसर थे।