रांची, 31 जनवरी। झारखंड में अब किसी के अभिवादन के लिए ‘नमस्कार’ के बदले ‘जोहार’ बोलना पड़ेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेशानुसार राज्य सरकार ने इस आशय की अधिसूचना जारी कर दी है।
राज्य सरकार ने कहा है कि अब राज्य में राज्य सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रमों एवं सरकारी समारोहों में अभिवादन हेतु ‘जोहार’ शब्द उपयोग किया जाए। इस संबंध में सरकार के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने राज्य के सभी अपर मुख्य सचिव, सभी प्रधान सचिव, सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त, विभागाध्यक्ष और डीसी को पत्र भेजकर इसे लागू करने का निर्देश दिया है।
झारखंड सरकार के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने पत्र जारी करते हुए कहा कि राज्य सरकार के सभी कार्यक्रम और समारोह में अभिवादन के लिए सभी ‘जोहार’ शब्द का प्रयोग करें। इसके साथ ही साथ उन्होंने इस पत्र में कहा है कि झारखंड की पहचान एक जनजातीय बाहुल्य राज्य के रूप में है। यहां की संस्कृति में ‘जोहार’ बोलकर लोगों का अभिवादन करने की परंपरा है, जो इस राज्य की विशिष्ट संस्कृत एवं समृद्ध परंपरा को दर्शाता है।
स्वागत के लिए अब गुलदस्ता या फूल की जगह पौधा, पुस्तक, शॉल या मेमेंटो का उपयोग
राज्य सरकार ने इसके साथ ही साथ यह भी निर्णय लिया है कि अब राज्य के सभी प्रकार के राजकीय कार्यक्रमों एवं सरकारी समारोहों में गणमान्य अतिथियों के स्वागत के लिए गुलदस्ता या फूल देने का उपयोग नहीं किया जाए। इसकी जगह पौधा या पुस्तक या शॉल या मेमेंटो देकर स्वागत किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों पश्चिमी सिंहभूम के जिला मुख्यालय चाईबासा में खतियानी जोहार यात्रा में लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि अब राज्य में सभी को ‘जोहार’ बोलना होगा। यह आदिवासी संस्कृति और पंरपरा से जुड़ा है। इसको लेकर प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए। इसी के तहत अब मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग की ओर से अधिसूचना जारी हुआ।