रांची, 1 सितम्बर। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात का वक्त मांगा है। इस खबर के सामने आने के बाद एक बार फिर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है और कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएम सोरेन अपने पद से इस्तीफा देने के बाद फिर से सरकार बनाने का दावा भी पेश कर सकते हैं। सोरेन की यह राज्यपाल पर दबाव बनाने की कोशिश भी हो सकती है। इसी क्रम में सोरेन ने कैबिनेट की मीटिंग भी बुलाई है।
रायपुर में डरा डाले हुए हैं यूपीए के विधायक
उल्लेखनीय है कि झारखंड के यूपीए विधायक इन दिनों छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नवा रायपुर शहर के ‘मेफेयर रिसॉर्ट’ में ठहरे हुए हैं। फिलहाल पूरा रिजॉर्ट छावनी में तब्दील है। रिसॉर्ट में 32 विधायक और वरिष्ठ नेता ठहरे हुए हैं। उन विधायकों में कांग्रेस के चार मंत्री कैबिनेट में भाग लेने के लए रांची लौट आए हैं।
ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के मामले में घिरे सोरेन
दरअसल, ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के मामले में हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता पर खतरा मंडरा रहा है। चुनाव आयोग ने कथित तौर पर सोरेन के खिलाफ आरोपों पर राज्यपाल रमेश बैस को अपनी सिफारिशें भेजी हैं। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि सोरेन ने 2021 में खनन मंत्री का पोर्टफोलियो रखते हुए खुद को एक खनन पट्टा आवंटित किया था। यह मामला ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का बनता है।
भाजपा ने राज्यपाल से इसकी शिकायत की थी। राज्यपाल ने यह मामला चुनाव आयोग को भेजा था। चुनाव आयोग ने अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को सौंप दी है। समझा जाता है कि रिपोर्ट में सोरेन की सदस्यता खत्म करने की बात कही गई है। हालांकि राज्यपाल ने अब तक मौन साध रखा है।
विधानसभा में यूपीए के कुल 49 विधायक
झारखंड में सत्ताधारी गठबंधन के पास 81 सदस्यीय विधानसभा में कुल 49 विधायक अपने हैं और उन्हें कुछ अन्य विधायकों का भी सरकार चलाने के लिए समर्थन प्राप्त है। राज्य विधानसभा में झामुमो के 30, कांग्रेस के 18 और राजद के एक विधायक हैं। इसके विपरीत मुख्य विपक्षी भाजपा के कुल 26 विधायक हैं और उसके सहयोगी आज्सू के दो विधायक हैं और उन्हें सदन में दो अन्य विधायकों को समर्थन प्राप्त है।