पटना, 14 जून। बिहार में सत्ताधारी दल जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में अंदरूनी लड़ाई जोर पकड़ती जा रही है। अब केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के करीबियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाने लगा है। इस क्रम में पार्टी ने संगठन का कामकाज देख रहे अपने चार पदाधिकारियों को पार्टी से बर्खास्त कर दिया है। इनमें जदयू के दो महासचिव क्रमशः अनिल कुमार व विपिन यादव के अलावा प्रदेश प्रवक्ता डॉ. अजय आलोक और भंग समाज सुधार सेनानी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष जितेंद्र नीरज शामिल हैं।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि निलंबित किए गए चारों नेता केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के करीबी हैं। हाल ही में जदयू ने राज्यसभा चुनाव में आरसीपी को टिकट नहीं दिया था। साथ ही कई लोगों को पार्टी में किनारे लगाया गया, जो आरसीपी के करीबी बताए जाते हैं। अब इन चारों नेताओं पर हुई काररवाई भी उसी के अनुरूप बताया जा रहा है।
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा बोले – अनुशासन तोड़ने के आरोप में काररवाई हुई
हालांकि जदयू ने कहा है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण की इन नेताओं के खिलाफ काररवाई की गई है। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने एक बयान जारी कर कहा कि पार्टी का अनुशासन तोड़ने के आरोप में इन नेताओं के खिलाफ काररवाई की गई है। कुशवाहा ने कहा कि पार्टी के कुछ पदाधिकारी लगातार अनुशासन भंग कर रहे थे, इसलिए उन पर कार्रवाई की गई है।
बताया जाता है कि अनिल कुमार और विपिन कुमार काफी दिनों से जदयू प्रदेश कार्यालय के बाहर केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के कार्यक्रमों में सक्रिय थे। वहीं, डॉ. अजय आलोक ने भी पिछले दिनों राज्यसभा चुनाव के समय प्रत्याशी के चयन को लेकर सार्वजनिक रूप से वक्तव्य दिया था।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और आरसीपी सिंह की तल्खी से बिगड़ रहा समीकरण
उल्लेखनीय है कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और आरसीपी सिंह के बीच रिश्ते तल्ख होने की बात जगजाहिर है। भले ही दोनों नेता इससे इनकार करें, लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि दोनों के बीच तनाव के कारण ही अब ललन सिंह की ओर से आरसीपी खेमे
कुशवाहा ने ललन सिंह और आरसीपी सिंह के समर्थकों को चेतावनी भी दी थी
उमेश कुशवाहा ने बीते दिनों ललन सिंह और आरसीपी सिंह के समर्थकों को चेतावनी भी दी थी। वहीं अजय आलोक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह के गहरे संबंधों का जिक्र करते हुए कहा था कि शिल्पकार अपनी मूर्ति कभी नहीं तोड़ते हैं। साथ ही उन्होंने आरसीपी का नाम लेते हुए कहा था कि उनका अहम योगदान हमेशा रहेगा। मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने उनके ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया में देते हुए उसे निजी विचार बताया था। साथ ही सलाह नहीं देने की नसीहत भी दी थी।