लखनऊ, 26 जनवरी। बिहार में गठबंधन की सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में आमने-सामने हैं। यूपी के चुनावी महासमर में भाजपा ने जब नीतीश कुमार की पार्टी से साफ किनारा कर लिया, तब जदयू ने अकेले ही चुनावी मैदान में उतरने का पैसला कर लिया और इसी कड़ी में उसने 20 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है।
ज्यादातर उम्मीदवार पूर्वांचल से पेश कर रहे दावेदारी
जदयू की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अनूप सिंह पटेल ने इन प्रत्याशियों का नामों का एलान किया है। लिस्ट में पूर्वी यूपी यानी की ज्यादातर उम्मीदवार पूर्वांचल के क्षेत्र से दावेदारी पेश कर रहे हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि पूर्वांचल के कई जिलों से बिहार की सीमाएं मिलती हैं और दोनों ओर की बोली और खानपान में भी लगभग समानता देखी जाती है।
वैसे जीत-हार का फैसला मतदाता ही तय करेंगे, लेकिन जदयू के ये उम्मीदवार पूर्वांचल में भाजपा की राह का रोड़ा जरूर बन सकते हैं। पार्टी की ओर से जारी सूची में वाराणसी, अयोध्या, मिर्जापुर, सोनभद्र, उन्नाव, प्रयागराज, बलिया, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, जौनपुर, मिर्जापुर, ललितपुर, देवरिया, कानपुर देहात, प्रतापगढ़, अमेठी, रामपुर और लखनऊ के विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है।
भाजपा से बात न बनने पर राजीव रंजन ने जाहिर की थी निराशा
उल्लेखनीय है कि गत 24 जनवरी को दिल्ली में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन ने उत्तर प्रदेश में भाजपा के साथ गठबंधन न होने के कारण हताशा जाहिर की थी। ललन सिंह ने दोनों दलों के बीच बातचीत असफल होने का ठीकरा भी अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह पर फोड़ा था। उन्होंने कहा था कि आरसीपी सिंह ने पार्टी को निराश किया है। उन्होंने आरसीपी सिंह से इस मामले में आधिकारिक तौर पर जानकारी भी मांगी थी।