Site icon Revoi.in

जदयू अध्यक्ष ललन सिंह का तंज – भाजपा पार्टी नहीं बल्कि ‘वाशिंग मशीन’ है

Social Share

पटना, 26 अगस्त। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने भारतीय जनता पार्टी पर तंज कसते हुए कहा है कि भाजपा पार्टी नहीं, बल्कि एक वाशिंग मशीन है। इस मशीन में कितना भी दाग लगाकर घुस जाइए, जैसे ही कमल के निशान वाला पट्टा गर्दन में पड़ता है, सारा दाग अपने आप धुल जाता है।

पूरे देश में नफरत का जो माहौल कायम है, इसके पीछे भी भाजपा

ललन सिंह ने कहा कि आज पूरे देश में नफरत का माहौल कायम है तो इसके पीछे भी भाजपा है। जिस भी राज्य में जो भी पार्टी इनका विरोध करती है, उसके नेताओं पर सीबीआई और ईडी की रेड करवा देते हैं और फिर उन्हें डरा-धमका कर अपने पक्ष में कर लेते हैं।

जदयू अध्यक्ष ने कहा, ‘हमारी पार्टी के मुख्यमंत्री और विधायक अब तक किसी भी भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं हैं। इस कारण हम लोग सीबीआई और ईडी से डरने वाले नहीं हैं। यदि इनकी बात मानकर इनके साथ रहिए तो आपको आराम से रहने देंगे वरना ये आपको परेशान करते रहेंगे। इसका उदाहरण केवल बिहार में नहीं झारखंड, बंगाल और महाराष्ट्र में देखने को मिला है।’

‘क्षेत्रीय पार्टियों को खत्म करने की धमकी हमें बर्दाश्त नहीं

ललन सिंह ने यह भी कहा, ‘आज कल भाजपा के लोग विश्वासघात का राग अलाप रहे हैं। अरे, उन्हें इस तरह की बात बोलने से पहले कुछ तो सोचना चाहिए। अब देख लीजिए कि भाजपा मुम्बई, दिल्ली और झारखंड में क्या खेल कर रही है। आखिर जदयू इस बात को कैसे बात बर्दाश्त कर सकती है कि अगर किसी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष पटना में आकर कहे कि आगामी चुनाव में वो सभी क्षेत्रीय पार्टियों को खत्म कर देंगे, अब भला किस तरह से हम लोग इसे कबूल करते।’

‘आज वो केंद्र की सत्ता में बैठे हैं तो यह क्षेत्रीय पार्टियों की ही ताकत है

उन्होंने कहा, ‘आज जितना घमंड लेकर वो केंद्र की सत्ता में बैठे हैं तो उसके पीछे क्षेत्रीय पार्टियों की ही ताकत है, लेकिन वो बहुत जल्दी हर बात को भूल जाने वाले लोग हैं। लेकिन वो इस बात को अच्छे से याद रखें कि आने वाले लोकसभा चुनाव में उन्हें हमारी ताकत का अच्छे से पता चल जाएगा। सभी विपक्षी ताकतों ने मिलकर फैसला किया है कि वो लोकसभा और विधानसभा का उनके खिलाफ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। अब देखना है कि बिना क्षेत्रीय दलों के वो कैसे अपना बेड़ा पार लगाते हैं।’